इस अपमान पर प्रसून और रचना दोनों ही स्तब्ध रह गए. स्त्री-पुरुष में पवित्र और मर्यादित सखा भाव वाला शालीन…
"बाहर निकलो सब!" लोगों की भीड़ जुटने से मेरी हिम्मत बढ़ चुकी थी. डरी हुई लड़कियों के साथ तीन लड़के…
हल्की सी बूंदाबांदी शुरू हो गई. वह बूंदों की सरगम पर फिर गुनगुनाने लगी. उसका आसमानी दुपट्टा हवा से लहरा…
उस पेड़ पर कुछ पंछी उछल-कूद रहे थे. कभी वो इस डाली पर बैठते, तो कभी उस पर. उनकी हरक़तों…
सुषमा मुनीन्द्र लोग छोटे-छोटे लक्ष्य बनाते हैं, हासिल करते हैं. ख़ुश रहते हैं. जबकि वह बस यात्रा करने का मानस…
प्रीति सिन्हा “वे सही कह रहे हैं. तुम इतनी दुर्बल नहीं हो जितना तुम अपने आपको समझ रही हो. तुम…
एक दिवस, बोलता बोलता राजा कृष्णदेव रायने तेनालीरामला विचारले ‘कोणत्या प्रकारचे लोक सगळयात जास्त मुर्ख असतात आणि कोणत्या प्रकारचे लोक…
पूनम ठिठक कर उसकी दंतुरित मुस्कान को देखती रही. कल बेवजह खिलौने ख़रीदने का मलाल मन से दूर हो गया.…
लकी राजीव मालिनी ने बिना झिझके कहा, “आप उस दिन अपनी फैंटेसी बता रहे थे ना. यही सब तो था…
विचारों की रेल पूरी तेज़ी से दौड़ रही थी. तभी फोन की घंटी बजी और रेल वर्तमान के स्टेशन पर…