कौशल्या ने काम शुरू करने से पहले एक छोटा सा डिब्बा अपने शॉल के भीतर से निकालकर मांजी की तरफ़…
फकत उलझे रहे ताउम्र हम उलझनों में हीइतना भी मुश्किल नहीं था आसान होना रहा अनदेखियों में अब तक अपना…
"अरे! ख़ुश रहो, ख़ुश रहो… देखो मधु, कौन आया है." मैं और सुमन चरण-स्पर्श के लिए झुके, तो भइया भावुक होकर…
"तुम वहां गाना गाने गई थीं या बहुओं की बुराई करने? तुम्हें तो बुराई करने का मौक़ा मिलना चाहिए. यहां…
"मैं सच कह रहा हूं धोंडू." निश्छलता से मैं भावावेश में बोलता गया, "तुम्हारा जीवन, तुम्हारी जिजीविषा दूसरों के लिए…
"… निष्ठा, यह हमारा स्कूल का आख़िरी साल है. ये दिन लौट कर नहीं आएंगे. कुछ ऐसा करना चाहता हूं,…
भारती वीनू के जाने के बाद स्वयं निढाल सी बैठ गई. स्वयं उसके अंदर इतनी उदासी भर गई थी कि…
अकेले में तो खैर अब भी जब कभी मौक़ा मिलता है, तो कुलदीप आशा को चोटी से पकड़ कर खींचता…
जाने कितने ख़्वाब देखे थे उसने ज़िंदगी को लेकर. लेकिन आज बच्चों को यूं ज़िद्दी तथा चिड़चिड़ा होते देखकर हताश…
"अजी बड़ी बहू को पटाकर लिखवा लो कि मैं बच्चा पैदा करने में सक्षम नहीं हूं और अनिल की दूसरी…