Geet / Gazal

काव्य- तुम सम्हालो ख़ुद को… (Kavay- Tum Samhalo Khud Ko…)

बेटी तो होती है एक कली अगर खिलेगी वह नन्ही कली तो बनेगी एक दिन फूल वह कली चाहे हो…

February 3, 2019

काव्य- स्त्री हूं… (Kavya- Stri Hoon…)

मैं पीतल नहीं सोना हूं और चमकूंगी सितम की आंधियां कितनी चला लोगे? स्त्री हूं दीया हिम्मत का जलाए रखूंगी…

December 30, 2018

काव्य- मुझ पर एक किताब… (Kavay- Mujh Par Ek Kitab…)

लिख दे लिखनेवाले मुझ पर एक किताब संग बैठ आ किसी पहर दूं जीवन का हिसाब   अश्क दिखें ना…

November 18, 2018

काव्य- जीवन-मृत्यु (Kavay- Jeevan-Mrityu)

जीवन-मृत्यु अद्भुत प्रेमी मिल जाने को हैं ये आतुर जीवन जूझ रहा है पल-पल बढ़ा जा रहा है मिलने उससे…

October 7, 2018

काव्य- उम्मीद की ज़रूरत क्या है? (Kavay- Ummeed Ki Zarurat Kya Hai?)

  आईने को आईने की ज़रूरत क्या है दिल हो आईना तो सूरत की ज़रूरत क्या है ज़िंदगी मुश्किल है…

September 9, 2018

ग़ज़ल- तेरी पाकीज़गी में हमदम (Gazal- Teri Pakeezgi Mein Humdam)

मेरी आंख से बता क्यों ख़्वाब झांकता है एहसास का समंदर तेरी आंख में छुपा है दिल मेरा स़िर्फ लफ़्ज़ों…

August 5, 2018

काव्य- वो निगाह मेरी है… (Kavya- Wo Nigah Meri Hai…)

  कुछ तो मिलता है सोच कर तुझको हर उड़ान की जद में आसमां नहीं होता   दिल अगर आंख,…

July 22, 2018

कविता- ज़रूरी थी… (Kavita- Zaruri Thi…)

बाकी थी तमन्नाएं हसरत अधूरी थी चाहतें तड़पती थीं और दुआ अधूरी थी फिर तेरी आंख से जीने का उजाला…

July 15, 2018

ग़ज़ल- ऐ दोस्त यह जीने का कोई ढंग नहीं है… (Ghazal- Ae Dost Yah Jeene Ka Koi Dhang Nahi Hai…)

ऐ दोस्त यह जीने का कोई ढंग नहीं है कि सांस चल रही है पर उमंग नहीं है अब जिससे…

June 18, 2018

ग़ज़ल- नमी आंखों में तेरी… (Gazal- Nami Aakhon Mein Teri…)

  नमी आंखों में तेरी देखकर घुटता है दम मेरा बड़ा बेचैन करता है तेरा उतरा हुआ चेहरा तेरी मायूसियां…

June 16, 2018
© Merisaheli