नज़रें जो उनकी बदलीं, ज़माने बदल गए मयखाना तो वही है, पैमाने बदल गए तुम पूछते हो उनके, जाने से…
लिपटकर रो लेती गर तुम होते ग़म कुछ कम होते गर तुम होते बांहों में सिमट जाते खो जाते गर…
दग़ाबाज़ दुनिया हसीं दिख रही है बता साकिया तूने क्या दे दिया है दराज़-ए-उमर की दुआ देने वालों न दो…
बिखरते ख़्वाबों को देखा सिसकते जज़्बातों को देखा रूठती हुई ख़ुशियां देखीं बंद पलकों से टूटते हुए अरमानों को देखा...…
सुनो ना... सावन से पहले चले आना बड़ा तरसी है आरज़ू तेरी ख़ातिर इस बरस खुल के बरस जाना मद्धिम…
किसी की ज़िंदगी इतनी आसान तो किसी की इतनी मुश्किल क्यों है? किसी के पास सब कुछ है तो कोई…
जब भी मैंने देखा है दिलदार तुम्हारी आंखों में चाहत का इक़रार मिला हर बार तुम्हारी आंखों में रमता…
कौन कहता है अकेले ज़िंदगी नहीं गुज़रती मैंने चांद को तन्हा देखा है सितारों के बीच में कौन…
मेरे होंठों के तबस्सुम कहीं गुम हो गए हैं जब से सुना है ग़ैर के वो हो गए हैं…