तुम मेरी मुस्कान को देखोजो तुम्हें देखते हीइस चेहरे पर खिल उठती हैउन आंसुओं की मत सोचोजो सालों सालमैंने चुपचाप…
आवश्यक है कि हम अपने लिए खड़ी करते रहें नियमित कुछ चुनौतियां स्वयं को मशीन बन जाने से बचाने के…
अब यही आवाज़ दिल कीधड़कनों से आ रही हैज़िंदगी कम हो रही हैउम्र बढ़ती जा रही है.. इस तरह कब तक…
बहुत ख़ूबसूरत है यह ज़िंदगीहर रंग चुराया इसका मैंने जीने के लिएउम्मीद का दामन पकड़े रही हमेशाज़िंदगी के जाम का…
होली की चढ़ती खुमारी मेंचटकीले रंगों भरी पिचकारी मेंश्रीमान का जाम छलकता हैकुछ नशा सा ज्यों ही चढ़ता हैपड़ोसन को…
एक छवि बसी हुई हैअब तक आंखों मेंबड़े जतन सेमेरा कुरता प्रेस करते हुए.. एक छविपहला कौरमुझे खिलाने कोउठे हुए…
याद है तुम्हें?सागर के झालरदार तट परघूमना?पानी की तेज़ आती लहर मेंहाथ कस के पकड़ लेनाभीग जाना अंतर्मन तक सफलता…
फागुन कृष्ण चतुर्दशी, शिव का हुआ विवाह।पूजन जन-जन कर रहा, लेकर हृदय उछाह।।लेकर हृदय उछाह, पूजते पार्थिव को सब।रस का…
बहाव के विपरीत बहती हूंइसीलिए ज़िंदा हूंचुनौती देता है जो पुरज़ोर हवाओं कोखुले गगन में उड़ता वो बेबाक़ परिंदा हूं..…
अनकही ही रह जाती हैं कितनी ही कविताएंक्यों न उनके हिस्से में हम नए ख़्याल लिख दें आजकल रद्द हो…