मैं, मेरा व्याकुल मन, जब रात देर तक जाग रहे थे
इक मुट्ठी भर आसमान, हम हसरत से ताक रहे थे
तभी उठी लेखनी मेरी, अपने नन्हें कोमल पंख पसार
उड़ चली सब बंधन तोड़, उस निस्सीम गगन के पार
डर और आलस त्यागा तो, चाँद और तारे दोस्त बने
उजालों को ज़मी पर ले आई, वो चीर कर बादल घने
यारों हम सबकी अकुला में, हुनर की आतिश सोती है
ये मशाल न बन जाए, तक़दीरों की साजिश होती है
ये साजिशें हम अपने, संकल्प से ही झुठला सकते
छोड़ निराशा खुशियों को, मन की राह बता सकते
भावना प्रकाश
मेरी सहेली वेबसाइट पर भावना प्रकाश की भेजी गई कविता को हमने अपने वेबसाइट के गीत/ग़ज़ल संग्रह में शामिल किया है. आप भी अपनी शायरी, गीत, ग़ज़ल, लेख, कहानियों को भेजकर अपनी लेखनी को नई पहचान दे सकते हैं…
यह भी पढ़े: Shayeri
रेटिंगः *** अक्षय कुमार और टाइगर श्राफ की फिल्म बड़े मियां छोटे मियां को लेकर…
अभिनेते महेश कोठारे यांच्या संकल्पनेतून तयार झालेला 'झपाटलेला' हा चित्रपट तुफान हिट ठरला होता. आता…
अंकिता लोखंडे और विक्की जैन ने बिग बॉस 17 में अपने झगड़े और विवादों के…
कुठे कुठला उमेदवार हवा होता-नको होता, या वादात आपण सर्वसामान्य माणसांनी अडकायला नको. महाराष्ट्रात या…
सलमान खान (Salman khan) और उनके पापा सलीम खान (Salim Khan) की दरियादिली के कई…
अभिनेता संकर्षण कऱ्हाडे सोशल मीडियावर खूप सक्रिय असतो. नुकताच त्याने त्याला साताऱ्याला आलेला त्याच्या खास…