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काव्य- वसुधैव कुटुंबकम… (Poetry- Vasudhaiva Kutumbakam)

वैश्विक धरातल परभारत की उपस्थितिवसुधैव कुटुंबकम की स्वीकृतिधरा के संरक्षण की संस्तुतिसांस्कृतिक विरासत कीअद्भुत सुवासयह G20 समेटे हुए हैगौरव की…

September 11, 2023

ग़ज़ल- प्यासे दिल की धरती पर… (Poetry- Pyase Dil Ki Dharti Par…)

ख़्वाबों में आ कर क्या होगाइक रोज़ हक़ीक़त बन जाओ यूं दिल में रह कर क्या होगाइक रोज़ सामने आ…

August 11, 2023

गीत- सावन… (Poem- Sawan…)

लो आया मौसम सावन कायादों के महकते मधुवन साबाबुल के बोलते आंगन साकुछ सखियों सा कुछ साजन सा वो गुड़िया,…

July 24, 2023

ग़ज़ल- अधूरी बात… (Poetry- Adhuri Baat)

काश तुम समझ पातेमेरे मन की ख़ामोशी कोजो लफ़्ज़ों में कही ना गईमन में ही दबी रह गईदिल के किसी…

July 21, 2023

ग़ज़ल- इश्क़ का चैप्टर और तुम… (Poetry- Ishq Ka Chapter Aur Tum…)

कभी कभीमुझे लगता हैमुझे इश्क़ का चैप्टर क्लोज़ कर देना चाहिएकि तभी तुम आ जाती होमुस्कुराते हुएमेरे सीने पर हाथ…

July 3, 2023

काव्य- प्रेम का समर्पण (Poetry- Prem Ka Samarpan)

मनौती के धागे नहीं  धूपदीपपुष्प भी नहीं कुछ पाने की प्रार्थना नहींआरतीपाठ मंत्र भी नहीं सुवासित जल भी नहीं रोली अक्षत चंदन भी नहींप्रेम के मंदिरमें तुम रीते…

July 2, 2023

अपने-अपने क्षितिज… (Poem- Apne Apne Kshitij…)

तुमने मुझे लिखामैंने तुमकोआपस में कविताएं बदलकर भीहम स्वयं को पढ़ सकते हैं अधूरे तुम भी रहेपूरा मैं भी कहां…

June 6, 2023

काव्य- बहुत ख़ूबसूरत मेरा इंतज़ार हो गया… (Poetry- Bahut Khoobsurat Mera Intezar Ho Gaya…)

कश्मकश में थी कि कहूं कैसे मैं मन के जज़्बात को पढ़ा तुमको जब, कि मन मेरा भी बेनकाब हो…

January 28, 2023

ग़ज़ल- जीने का हुनर सीखना है… (Gazal- Jeene Ka Hunar Sikhna Hai…)

दिल की तन्हाई में एक दीप जलाने का हुनर सीखना है मुझे ऐ ज़िंदगी तुझसे जीने का हुनर सीखना है…

January 7, 2023

ग़ज़ल- ज़िंदगी की उलझनें… (Gazal- Zindagi Ki Uljhane…)

उलझा हूं ज़िंदगी की उलझनों में ऐसेउनको याद करने की फ़ुर्सत नहीं मिलती जो इश्क़ में करते थे जीने मरने…

November 18, 2022

ग़ज़ल- तुम मेरी रगों में नशा बन के बह रहे हो… (Gazal- Tum Meri Rago Mein Nasha Ban Ke Bah Rahe Ho…)

तुम मेरी रगों में फिर नशा बन के बह रहे हो क्या मेरी तमन्नाएं जी उठी हैं तुम्हारे दिल में…

October 19, 2022

कविता- जब तुम कहीं नहीं हो… (Poetry- Jab Tum Kahin Nahi Ho…)

ये धड़कनें तुम्हारे आस पास ठहरीं माना कि तुम नहीं हो जब सोचता हूं अकेला तस्वीर तुम्हारी उभरी कैसे कह दूं…

July 31, 2022
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