मुरली मोहन मदन मुरारी, सबके दिल में बसते हो।हे बंशीधर सर्व जगत के, कण-कण में तुम मिलते हो। नटवर नागर…
संस्कृति के धुंधलके में कहींसमाज नेमेरे माथे पर चस्पां कर दिएचंद लेबलममतामयी, त्यागमयी,कोमलांगी.. और चाहा उसनेजिऊं मैं वैसे हीभूल जाऊं…
संवरे सारे बिगड़े काम विपदा का हो काम तमाम संशय हटे तब मन का सारा प्रभु राम का लें जब…
फकत उलझे रहे ताउम्र हम उलझनों में हीइतना भी मुश्किल नहीं था आसान होना रहा अनदेखियों में अब तक अपना…
जलेंगे कौन से चिराग़ और कौन से दीये झिलमिलाएंगे इस बढ़ते हुए बाज़ारवाद में जहां, हर चीज़ का मोल है…
वैश्विक धरातल परभारत की उपस्थितिवसुधैव कुटुंबकम की स्वीकृतिधरा के संरक्षण की संस्तुतिसांस्कृतिक विरासत कीअद्भुत सुवासयह G20 समेटे हुए हैगौरव की…
ख़्वाबों में आ कर क्या होगाइक रोज़ हक़ीक़त बन जाओ यूं दिल में रह कर क्या होगाइक रोज़ सामने आ…
लो आया मौसम सावन कायादों के महकते मधुवन साबाबुल के बोलते आंगन साकुछ सखियों सा कुछ साजन सा वो गुड़िया,…
काश तुम समझ पातेमेरे मन की ख़ामोशी कोजो लफ़्ज़ों में कही ना गईमन में ही दबी रह गईदिल के किसी…
कभी कभीमुझे लगता हैमुझे इश्क़ का चैप्टर क्लोज़ कर देना चाहिएकि तभी तुम आ जाती होमुस्कुराते हुएमेरे सीने पर हाथ…
मनौती के धागे नहीं धूपदीपपुष्प भी नहीं कुछ पाने की प्रार्थना नहींआरतीपाठ मंत्र भी नहीं सुवासित जल भी नहीं रोली अक्षत चंदन भी नहींप्रेम के मंदिरमें तुम रीते…
तुमने मुझे लिखामैंने तुमकोआपस में कविताएं बदलकर भीहम स्वयं को पढ़ सकते हैं अधूरे तुम भी रहेपूरा मैं भी कहां…