लव स्टोरी- दिल के अरमां आंसुओं में बह गए… (Love Story- Dil Ke Armaan Aansuo Me Bah Gaye…)

उसके हाथ में गिफ्ट पैक देखकर मन मचल पड़ा. हाय राम बात यहां तक पहुंच गई? गिफ्ट पैक में क्या होगा? सोचने लगी… तभी दोबारा घंटी बजी. बिखरी ज़ुल्फ़ें संभालते हुए दरवाज़ा खोला.
“अंदर आने को नहीं कहेंगी?” मधुर स्वर सुनकर हृदय का हर सूक्ष्म तार झनझना उठा.

शक्ल सूरत ऐसी मिली कि लड़के हमें छेड़ना तो दूर डर कर दूर तक भाग जाएं. फिर भी एक हसीन घटना घट ही गई. बालकनी में सुबह चाय पीते और कुछ लिखते वक़्त नीचे सड़क पर नज़र गई, तो एक स्मार्ट लड़के को अपनी तरफ़ बड़ी शिद्दत से निहारते हुए देखा, तो दिल में गुदगुदी-सी हुईं. लगातार सात दिनों तक निहारने का यही सिलसिला चलता रहा.


आठवें दिन वह मेरे फ्लैट की तरफ़ बढ़ा. उसने घंटी बजाई, तो हमारे दिल में भी इश्क़ की घंटियां बजने लगी. सैकड़ों अरमान मचल गए. सोचा… यह पहला अफ़ेयर है ऐसे नहीं… पहले झूठ-मूठ का सबक सिखाऊंगी… तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे घर तक आने की… अभी पुलिस को फोन करती हूं… फिर वह प्रणय निवेदन करेगा, तब मान जाऊंगी…

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उसके हाथ में गिफ्ट पैक देखकर मन मचल उठा. हाय राम बात यहां तक पहुंच गई? गिफ्ट पैक में क्या होगा? सोचने लगी… तभी दोबारा घंटी बजी. बिखरी ज़ुल्फ़ें संभालते हुए दरवाज़ा खोला.
“अंदर आने को नहीं कहेंगी?” मधुर स्वर सुनकर हृदय का हर सूक्ष्म तार झनझना उठा.


“अंदर आइए.” कहते हुऐ चाय बनाने की बोल कर जाने लगी.
“बहनजी, पहले मेरी बात तो सुनिए, चाय तो बाद में भी पी लेंगे…”
सम्मान से भरपूर उसका यह स्वर सुनकर बुरी तरह भड़क गई, “कहिए क्या कहना है आपको.”
“जी, मैं आपकी रचनाओं का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं. लगातार सात दिनों से आपको गंभीरता से सृजन करते देखकर मेरे मन में आपके प्रति श्रद्धा और सम्मान के भाव जागृत हो गए. आज स्वयं को रोक ना सका और आपसे मिलने आ गया…”
दिल के अरमां आंसुओं में बह गए… यह रिंगटोन उसके मोबाइल में बजी.

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“हाय स्वीट हार्ट, अभी आता हूं… अपनी एक रचनाकार बहन से मिलने आया हूं. तुम्हारे लिए तो मैंने गिफ्ट भी ख़रीद लिया है… बहनजी, चाय फिर कभी…” कहता हुआ वह चला गया.
उसके मोबाइल की रिंगटोन मेरे मन में बजने लगी… दिल के अरमां आंसुओं में बह गए….

– डॉ. अनिता राठौर मंजरी

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Photo Courtesy: Freepik

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Usha Gupta

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