… “दादी केक अच्छा लगा..? मुझे तो डर लग रहा था कि केक फूलेगा या नहीं..?”
“अरे फूला भी और स्वाद भी शानदार… एकदम बाज़ार जैसा. बाज़ार वाले केक पर क्रीम-वीम पोत कर सज़ा देते हैं.”
गोदावरी की टिप्पणी पर नव्या हंसकर बोली, “दादी, अब की बार सजा-धजा कर पेश करूंगी.” और सच में यू ट्यूब में देखकर आइसिंग सीखी गई. केक के साथ पिज़्ज़ा-बिस्किट पर भी आज़माइश की गई.
“मुझे तो नव्यावाले बिस्किट ला दे…” चाय के समय गोदावरी कहती, तो नव्या के चेहरे की चमक देखनेवाली होती. घर मे सबका न्यूज़ देखना सीमित हो गया. नव्या अक्सर बड़े टीवी पर बेकिंग के वीडियो देखती. उसका तर्क था कि ऐसे में लगता है मानो हम किचन में लाइव सीख रहे है. बेकरी का शौक अब उसका जुनून बनता जा रहा था.
एक दिन तो केक बनाते हुए वह मस्ती में स्वांग करती नज़र आई… “अब आप ट्रे ले… और उसे बटर से ग्रीस करे…” नव्या की अदा पर रीझकर दादी उससे बोली, “अरे वाह! तू तो बिल्कुल वैसे ही बोल रही है जैसे वीडियो में बोलते है. केक बनाते हुए अपना वीडियो क्यों नहीं डालती.”
“अभी तो मैं नौसिखिया हूं…”
“तो तू बता देना कि मैं ‘नव्या नौसिखिया’ आज आपको सिखाने जा रही हूं केक…”
“अरे दादी… ऐसे कोई नहीं कहता…” नव्या हंसी, पर कुछ देर बाद गंभीर होकर बोली, “वैसे दादी, ‘नव्या नौसिखिया’ बड़ा अलग काॅन्सेप्ट है.”
“मैं नव्या नौसिखिया… आज ट्राई करूंगी प्लम केक, जो मैंने अभी-अभी सीखा है. देखें आज कितना बनता है और कितना बिगड़ता है…”
“वाह दादी! परफेक्ट टैगलाइन है…”
“हैं न! ” गोदावरी ने उत्साह बढ़ाया.
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“पर दादी इस वक़्त जब अपना देश और दुनिया इतनी परेशान है, तब ऐसे वीडियो.. न न…” नव्या की बुझी आंखें देख वे तुरंत बोलीं, “देख बिटिया, ये उत्सव नहीं है. ये तो हमारे जैसे तनाव और अवसाद से घिरे लोगों को निकालने का प्रयास है.”
नवल ने भी उत्साह बढ़ाया “जबसे तुमने बेकिंग शुरू की, तब से न ऑक्सीमीटर की ज़रूरत पड़ी, न ऑक्सीजन लेवल नीचे गिरने का कोई इंडीकेशन हुआ.”
अगला भाग कल इसी समय यानी ३ बजे पढ़ें…
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