विगत के दर्द के फिर से उभरने के डर से वह भारत जाना नहीं चाहती थी. प्रीत के हज़ारों रंग…
श्लोक से जुड़ने से पहले जीवन के सूने जलते रेगिस्तान में नंगे पैर अकेली ही तो वह दौड़ रही थी.…
कभी-कभी किसी के जीवन में कोई संबंध अचानक इतना आत्मीय हो जाता है कि उसे खो देने का भय बर्दाश्त…
उनका निश्छल प्यार और अपनापन देखकर उसका मन भीग उठा. न जाने क्यूं दादी मां की यादें ताज़ा होने लगीं,…
उसे लगता कि उसके मन की संवेदनशीलता, उसके दुख-दर्द और प्यार की भावना को मन की परतों में कहीं गहरे…
“आशंकाओं का कोई अंत नहीं है. तुम्हारी आज की ईमानदारी बीते कल पर भारी पड़ेगी. यूं डरकर जीने की ज़रूरत…
“कैसी हो दर्शना?” एक मुस्कान के साथ दर्शना ने देखा, तो अचकचाकर उसने अपनी नज़रें झुका ली थीं. जाने क्या…
“तुम्हें ऐसा क्यों लगा कि मैं तुम्हारे घरवालों के साथ नहीं निभा पाऊंगी?” ऐसे अनेक प्रश्न दर्शना पूछती और वो…
तुम किसी और को चाहते रहो और मैं इसे अपना भाग्य, असल में दुर्भाग्य मानकर चुपचाप स्वीकार कर लूं, यह…
नागपुर आकर मैंने निश्चय किया कि मैं मंदिरा को पूरी तरह से दिल से निकाल दूंगा. मेरा बीता कल अब…
मुझमें इतना साहस नहीं था अपनों से लड़ने का. अपनी इच्छाओं का दमन करना ही एक मात्र राह बची थी.…
अचानक राहुल की निगाह उस तरफ़ उठ गई, नीली साड़ी में नीली मैचिंग के साथ सौम्य चेहरा. हां, 20 बरस…