व्यंग्य

रंग तरंग- हाय ये कस्टमर केयर… (Rang Tarang- Haye Yeh Customer Care…)

अपने देश में हमें इस बात को अपना सौभाग्य समझना चाहिए कि बड़ी कंपनियों ने हमें इस लायक़ समझा कि…

July 25, 2024

व्यंग्य- आप कुछ समझते क्यों नहीं? (Satire- Aap Kuch Samjhte Kyon Nahi?)

बॉस थक जाते हैं, कहते है, “यार ये कुछ समझाता क्यों नहीं."और मुझे लगता है, बॉस कुछ समझते क्यों नहीं?यह…

July 22, 2024

व्यंग्य- संबोधन सूचक नया शब्द…  (Satire- Sambodhan Suchak Naya Shabd…)

“अंकल, अपना बैग हटा लीजिए, मुझे बैठना है.”जनाब अंकल शब्द के महात्म से परिचित नहीं थे, अतः अपने से बड़ी…

May 21, 2024

व्यंग्य- राशिफल और जीवन‌ (Satire- Rashifal Aur Jeevan)

न जाने क्यों, मुझे तो पूरा यक़ीन है कि लगातार काली उड़द के दान के चलते ही मेरा जीवन बचा है, नहीं…

May 13, 2024

व्यंग्य- मैं अवसाद हूं… (Satire- Main Avsad Hoon…)

सूजी और पथराई आंखें, उपले सा चेहरा, एक्स्प्रेशन का अभाव… ये पहचान है अवसादग्रस्त इंसान की. उसे दूसरे लोगों का…

May 9, 2024

रंग-तरंग- फिर भी हैप्पी न्यू ईयर… (Rang-Tarang- Phir Bhi Happy New Year…)

पिछले तीन साल भुगत चुका हूं. अब मैं किसी को नए साल के लिए हैप्पी न्यू ईयर का अभिशाप नहीं…

December 31, 2022

व्यंग्य- दिवाली पर साहित्यकार के घर की सफ़ाई (Satire Story- Diwali Par Sahitaykar Ke Ghar Ki Safai)

सब पत्र-पत्रिकाओं को देख छांटना कोई छोटी-मोटी बात नहीं, सो सुविधा से काम करने का सोच ही रहा था कि…

October 18, 2022

व्यंग्य- सावन को आने दो… (Satire- Sawan Ko Aane Do…)

ओरिजनल सावन लापता है. पहले बसंत लापता हुआ, अब सावन. क्या पता दस साल बाद हमें पता चले कि अमेरिका…

October 14, 2020
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