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ग़ज़ल- ज़िंदगी की उलझनें… (Gazal- Zindagi Ki Uljhane…)

उलझा हूं ज़िंदगी की उलझनों में ऐसेउनको याद करने की फ़ुर्सत नहीं मिलती जो इश्क़ में करते थे जीने मरने…

November 18, 2022

ग़ज़ल- तुम मेरी रगों में नशा बन के बह रहे हो… (Gazal- Tum Meri Rago Mein Nasha Ban Ke Bah Rahe Ho…)

तुम मेरी रगों में फिर नशा बन के बह रहे हो क्या मेरी तमन्नाएं जी उठी हैं तुम्हारे दिल में…

October 19, 2022

कविता- जब तुम कहीं नहीं हो… (Poetry- Jab Tum Kahin Nahi Ho…)

ये धड़कनें तुम्हारे आस पास ठहरीं माना कि तुम नहीं हो जब सोचता हूं अकेला तस्वीर तुम्हारी उभरी कैसे कह दूं…

July 31, 2022

काव्य- स्त्री-पुरुष (Poetry- Stri-Purush)

पुरुष खोदता है कुआं स्त्री खिंचती है पानी पुरुष डालता है बीज स्त्री सिंचती है पौधा पुरुष उगता है सूरज…

July 17, 2022

विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष पद्य- बिगड़ता पर्यावरण (Poetry- Bigadta Paryavaran)

सर्व प्रदूषण दूर हो, खुल कर लेवें सांस। स्वच्छ जगत फिर से बने, रहे न मन में फांस।। जहां कहीं…

June 5, 2022

कविता- लड़कियां ढूंढ़ती हैं प्यार… (Poetry- Ladkiyan Dhoondhati Hain Pyar…)

वो तुम्हारी आंखों में खोजती हैं पिता तुम्हारी हथेलियों में भाई तुम्हारे कांधे पे सखा जिनके सामने सीने में जमा…

May 31, 2022

नज़्म- युग धर्म.. पतझड़.. संघर्ष… (Nazm- Yug Dharm.. Patjhad.. Sangharsh…)

युग धर्म जब वंचना मुखर हो, युग धर्म निभाएं कैसे लगता नही है मुमकिन, सुख चैन पाएं कैसे जब हर…

May 27, 2022

ग़ज़ल- हमारे हिस्से का छोटा सा आकाश… (Gazal- Hamare Hisse Ka Chota Sa Aakash…)

असल वजह यही है थोड़े कुछ में ही बहुत कुछ ढूंढ़ने की कोशिश करना और बहुत कुछ में थोड़े कुछ…

May 3, 2022

कविता- तुम याद आते हो (Poetry- Tum Yaad Aate Ho)

मेरी आंखों में आंसू हैं क्या कहूं तुम याद आते हो तुम मेरे साथ हो कि नहीं हो बात यह…

April 25, 2022

ग़ज़ल- इक दुआ बनती गई मेरे लिए… (Gazal- Ek Dua Banti Gai Mere Liye…)

काग़जी फूलों की हैं यह बस्तियां ढूंढ़ते फिरते हैं बच्चे तितलियां और बढ़ती जा रही हैं लौ मेरी तेज़ जितनी…

March 3, 2022

हास्य कविता- एक थकी हुई हाउसवाइफ की वैलेंटाइनी अभिलाषा… (Hasya Kavita- Ek Thaki Hui Housewife Ki Valetaini Abhilasha…)

चाह नहीं, इस हफ़्ते तुमसे मैं 'गुलाब' कोई पाऊं चाह नहीं ‘आई लव यू’ कहो, और मैं सुनकर इतराऊं चाह…

February 10, 2022

कविता- आईने में ख़ुद को देखना मेरी नज़र से… (Poem- Aaina Mein Khud Ko Dekhna Meri Nazron Se…)

अब अपनी आंखें खोल देना और आईने में ख़ुद को देखना मेरी नज़र से जैसे तुम्हें आईना नहीं मैं देख…

December 26, 2021
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