हम अक्सर अपने सबसे करीबी रिश्तों को ही गंभीरता से नहीं लेते. एक वक़्त के बाद हम उनके प्रति लापरवाह या यूं कहेंकि बेपरवाह से हो जाते हैं और यहीं से शुरुआत होने लगती है समस्याओं की. धीरे-धीरे कम्यूनिकेशन कम होने लगता गई, नीरसता बढ़ती जाती है और एक रोज़ अचानक महसूस होता है कि रिश्ते में रहकर भी आप अकेले हैं. जब रिश्ते इसदहलीज़ तक पहुंच जाते हैं तो उनको टूटने में भी ज़्यादा वक़्त नहीं लगता. बेहतर होगा कि ऐसी नौबत ही क्यों आने दें कि रिश्ता टूटने के कगार तक पहुंच जाए. क्यों न अपने रिश्ते को हमेशातारोताज़ा बनाए रखा जाए, लेकिन उसके लिए थोड़ी सी कोशिश करनी होगी, तो इन टिप्स को आज़माएं और अपने रिश्तेको रिफ्रेश करें… रिश्ता भले ही पुराना हो गया हो, लेकिन उसमें कुछ नया हमेशा ट्राई करते रहें.रिश्ते में अगर आप नया नहीं करेंगे वो वो बोरिंग होने लगेगा. आप हर दिन जैसे बाक़ी कामों के लिए समय निकालते हैं उसी तरह अपने पार्टनर और अपने रिश्ते के लिए भी रोज़वक़्त निकालें. इस वक़्त को आप सिर्फ़ अपने और अपने पार्टनर के लिए रखें. उसमें आप चाहें तो बैठकर चाय या कॉफ़ी पिएं, बातेंकरें, दिनभर की छोटी-बड़ी घटनाओं का ज़िक्र करें. ध्यान रहे इस वक़्त में आप शिकायतें न करें, सिर्फ़ पॉज़िटिव बातें करें.शेयर करने से ही रिश्तों में भावनाएं और गर्माहट बनी रहेगी. हमेशा शिकायतें ही न करते रहें. इससे नकारात्मकता फैलती है.हंसी-मज़ाक़ करें.कॉम्प्लिमेंट दें. एक-दूसरे को छेड़ें, मूड लाइट करें.रोमांस को ज़िंदगी से ग़ायब न होने दें. छोटी-छोटी कोशिशें रिश्तों में बड़ी मज़बूती लाती है. जिस तरह पार्टनर की खूबियों को अपनाते हैं वैसे ही उसकी कमियों को भी अपनाना सीखें. अपने हिसाब से किसी को भी बदलने के लिए फ़ोर्स न करें. ना ही बात-बात पर तानें दें. एक-दूसरे को स्पेस भी दें, हमेशा सिर पर सवार न रहें.हर छोटे-बड़े फ़ैसले में पार्टनर की राय भी ज़रूर लें.वीकेंड पर पिकनिक या आउटिंग की प्लानिंग करें. इससे रूटीन में थोड़ा बदलाव और नयापन आएगा.थोड़ा-बहुत झूठ भी बोलें, एक-दूसरे की झूठी तारीफ़ भी करें. ओवर रोमांटिक होने से रिश्ते में एक ताज़गी बनी रहतीहै.एक-दूसरे को गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड की तरह ट्रीट करें न कि पति-पत्नी की तरह.गिफ़्ट्स दें, सर्प्राइज़ प्लान करें. एक साथ जॉगिंग पर जाएं या शाम को वॉक पर जाएं. कोई हॉबी क्लास जॉइन करें.हर जगह बच्चों को लेकर जाने की ज़रूरत नहीं. सिर्फ़ आप दोनों रोमांटिक डेट पर जाएं.सेकंड हनीमून भी अच्छा आइडिया है. अपने पैरेंट्स या दोस्तों को बहुत ज़्यादा अपनी निजी ज़िंदगी में दख़ल न देने दें. सुनें सबकी पर करें अपने मन की. अपने रिश्ते को लेकर हमेशा पॉज़िटिव रहें. भले ही कुछ अनबन हो जाए आपस में लेकिन उसे रिश्ते का एक अंगमानकर स्वीकार लें. अगर सॉरी या थैंक यू कहने से काम बनता है तो झिझकें नहीं.अपने रिश्ते को अपनी प्राथमिकता बनाएं, न कि अपने ईगो को. अपने पार्टनर की ख़ुशी को तवज्जो दें न कि अपने अहम की तुष्टि को. रिश्ते में नफ़ा-नुक़सान न सोचें, रिश्ते अपने आप में हमारी सबसे पहली ख़ुशी होनी चाहिए. अगर लंच साथ नहीं कर पाते तो कोशिश करें कि ब्रेकफ़ास्ट और डिनर साथ करें. भले ही सुबह थोड़ा जल्दी उठनापड़े. जब साथ हों तो वाक़ई में साथ रहें, अपने-अपने फ़ोन से ब्रेक ले लें.कभी एक प्यारभरा किस तो कभी अपने हाथों से कुछ स्पेशल बनाकर खिलाना वो जादू कर जाता है जो बड़े से बड़ाऔर महंगा तोहफ़ा भी नहीं कर पाता.अपने रिश्ते को रिफ्रेश करने के लिए बहुत ज़रूरी है कि अपनी सेक्स लाइफ़ को भी रोमांचित और रिवाइव करें. अपने घर का माहौल लाइट और रोमांटिक रखें. बेडरूम का डेकोर भी रोमांटिक हो.सेक्स को लेकर कुछ नया करें, कभी वीकेंड में स्वीट बुक करें तो कभी घर में ही नई जगह या नई पोज़ीशन ट्राई करें.पार्टनर को ये फ़ील कराएं कि वो आज भी आपको उतना ही अट्रैक्टिव लगते हैं जितना पहले. कभी फ़ोन पर हस्की वॉइस में बात करें.आई लव यू कहें या मैसेज करें. नॉटी बातें करने से झिझकें नहीं. कभी भी ये न सोचें कि अब बच्चे बड़े हो गए या वो मिडल एज में आ गए तो रोमांस करना सही नहीं.रोमांस की कोई एज नहीं होती, आप जब तक अपना दिल जवां और मूड ज़िंदादिल रखेंगे आपका रिश्ता उतना हीफ्रेश रहेगा.अपने रिश्ते को बेहतर करने के लिए एक अच्छा ऑप्शन ये भी है कि आप एक-दूसरे की जिम्मेदारियां बांटें, ताकिपार्टनर को लगे कि आप उनका साथ निभाने और बोझ कम करने के लिए हमेशा उनके साथ हैं.इसी तरह अपने पार्टनर को हर्ट करने से बचें. कड़वा न बोलें और अगर ग़ुस्से में कुछ मुंह से निकल भी जाए तो दिमाग़ठंडा होने पर माफ़ी मांग लें. इमोशनल ब्लैकमेलिंग से बचें. ये रवैया रिश्ते में ज़हर भर देता है, क्योंकि अपनों के साथ सौदेबाज़ी नहीं की जाती. उन्हें डरा-धमकाकर अपना काम नहीं निकलवाया जाता.अगर आप ऐसा कुछ करते हैं तो फ़ौरन अपना ये ऐटिट्यूड बदल दें. रोमांटिक म्यूज़िक सुनें वो भी साथ में या पुराने ऐल्बम निकालें, तस्वीरें देख कर बीते वक़्त को रिवाइव करें. पुरानीयादें ताज़ा करें. अपने पुराने दोस्तों के साथ पार्टी रखें. पुरानी रोमांटिक सिचूएशन्स को और दिनों को रिक्रीएट करें. हाईजीन और फिटनेस का ध्यान ज़रूर रखें. ना सिर्फ़ बॉडी हाईजीन या प्राइवट पार्ट्स की बल्कि ओरल हाईजीन और फिटनेस भी उतनी ही ज़रूरी है. ये न सिर्फ़ आपको हेल्दी रखती हैं बल्कि आपके रिश्ते को भी हेल्दी और फ्रेश रखती है.पार्टनर को या उसकी बातों को इग्नोर न करें या हल्के में न लें.माइंड गेम्स या पावर गेम्स न खेलें, रिश्तों में मैनिप्युलेशन आपके रिश्ते को तोड़ सकता है. पार्टनर को कंट्रोल में करने के उपाय न सोचें बल्कि उसका साथ देने की बात पर ज़ोर दें.अक्सर घरवाले या दोस्त-रिश्तेदार भी सलाह देते हैं कि ऐसा करोगे तो पार्टनर क़ाबू में रहेगा, आपकी हर बातमानेगा… दिन-रात आपको ही याद करेगा. इन चक्करों में न पड़ें, क्योंकि आपको लाइफ़ पार्टनर चाहिए न कि कोईरोबोट या गुड्डा-गुड़िया जो आपके इशारों पर नाचे.इन सबसे भले ही थोड़े समय के लिए आपको पार्टनर का अटेंशन मिल जाए, लेकिन लंबे समय तक यह करेंगे, तोपार्टनर की दिलचस्पी आप में कम हो जाएगी. रिश्ते में ठंडापन व ग़लतफ़हमियां बढ़ेंगी. जिससे रिश्ता टूट सकता है. इसी तरह पार्टनर की तारीफ़ या कामयाबी से जलें नहीं बल्कि गर्व करें. अगर पार्टनर थका हुआ है तो सेक्स के लिए ज़ोर न दें बल्कि एक हॉट मसाज देकर उसका मूड फ्रेश कर दें.चीट न करें और झूठ बोलने से बचें, क्योंकि झूठ रिश्तों को खोखला कर देता है, जिससे पार्टनर आप पर भरोसा नहींरख पाता. अपने साथी को अपने दोस्तों व ऑफ़िस कलीग से खुलकर मिलवाएं. अपने रिश्ते से उम्मीद और अपेक्षा सभी रखते हैं लेकिन ये ध्यान रहे कि ये अपेक्षाएं अनरीयलिस्टिक न हों.संयम और विश्वास रिश्ते में बेहद ज़रूरी हैं, आपका रिश्ता तभी तक ताज़ा रहेगा जब तक कि आप संयम औरविश्वास से काम लेंगे, क्योंकि संयम होगा तो नकारात्मकता नहीं पनपेगी और विश्वास होगा तो साथ बना रहेगा.रिश्ते को रिफ्रेश करने का एक और जादुई उपाय है- टच थेरेपी. जी हां, प्यार भरी, केयर से भरपूर हल्की से छुअन भीरिश्ते को रोमांचित कर जाती है.कभी सामान पकड़ाते समय हल्के से हाथ छू लिया, कभी नज़रों से ही प्यार से ही देख कर छू लिया, कभी किचन मेंकाम करती पत्नी को पीछे से आकर अचानक कमर से पकड़ किया तो कभी काम में डूबे पतिदेव के बालों मेंउंगलियों का कोमल स्पर्श दे दिया… ये तमाम बातें रिश्तों और रिश्ते में प्यार की ताज़गी को बनाए रखती हैं.साथ रह रहे हैं तो एक-दूसरे की हेल्थ के बारे में अपडेटेड रहें, एक-दूसरे के घरवालों की भी हेल्थ का पता रखें औरज़रूरत के वक्त साथ खड़े रहें. एक-दूसरे के घरवालों का पूरा सम्मान भी करें, इसका सीधा असर आपके रिश्तों परपड़ेगा और वो पॉज़िटिव और फ्रेश बना रहेगा. गोल्डी शर्मा
रिश्तों को बनाए रखना और निभाना भी एक कला है. जिसने इसे समझ लिया, उसने रिश्तों को संभाल लिया. आप…
कॉम्प्लिमेंटस किसे पसंद नहीं! हर कोई चाहता है कि उसके लुक्स, बिहेविअर, फैशन सेंस या फिर उनके एफ़र्ट्स के लिए…
रिश्ते होते ही इसलिए हैं कि जीवन का सफ़र आसान हो, मुश्किलें कम हों और बात जब हमसफ़र की हो तो उम्मीदें औरअपेक्षाएं बढ़ जाती हैं, लेकिन जब यही रिश्ता मुश्किलें पैदा करने लगे तो सवाल उठता है कि रिश्ते में क्या और कितना सहेंऔर कितना नहीं. छोटे-मोटे झगड़े हर रिश्ते में होते हैं तो उनको आधार बनाकर कभी अपने रिश्ते को न बिगाड़ें.अगर पार्टनर की कुछ आदतें आपको नापसंद हों तो यही सोचें कि कोई भी परफेक्ट नहीं होता. सामनेवाले को अपनेजैसा बनाने या बदलने की कोशिश न करें, इससे रिश्ते ख़राब होंगे.अपने मायके वालों से तुलना करके अपने ससुराल की बुराई करना और फिर उसको आधार बनाकर झगड़ने से बचें. अगर पार्टनर कभी ग़ुस्सा करे तो उस बात को लंबा न खींचें क्योंकि ये सामान्य सी बात है. कभी आप तो कभी वोग़ुस्सा करेंगे ही, आख़िर इंसानी फ़ितरत है ये.अपनी फ़िज़ूल की ख़्वाहिशों को पूरा करने के लिए ब्लैक मेलिंग न करें और न ही एक-दूसरे को ताना दें. इसी तरह की तमाम छोटी-छोटी और भी कई बातें हैं जो रिश्ते में सहनी ही चाहिए और उनको आधार बनाकर अपने रिश्तेकी बलि न चढ़ाएं. लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जो रिश्ते में सहनी नहीं चाहिए वर्ना आप पर ही भारी पड़ सकती हैं ये बातें. 1.डोमेस्टिक वॉयलेंस: एक सर्वे के मुताबिक़ भारत में घरेलू हिंसा के कारण काफ़ी मौतें होती हैं. डोमेस्टिक वॉयलेंस एकअपराध है, लेकिन बावजूद इसके अधिकांश महिलाएं रिश्ते को बचाए रखने के लिए इसे बर्दाश्त करती हैं. यहां तक किपढ़ी-लिखी व सेलिब्रिटी भी इसे बर्दाश्त करती हैं. लोगों से इसे छिपाती भी हैं, यही वजह है कि सामनेवाली की ये आदतहो जाती है, क्योंकि उसको लगता है कि पत्नी को दबाकर रखना बेहद आसान है और फिर वो हर छोटी-बड़ी बात पर हाथउठाना अपना हक़ समझने लगता है. किसी भी रिश्ते में हिंसा की कोई जगह नहीं होती है और ये बात कोई भी महिलाजितनी जल्दी समझ जाए इतना अच्छा है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ महिलाएं ही इसका शिकार होती हैं, कई पुरुष भी रिश्ते में हिंसा व प्रताड़ना के शिकार होते हैं, उन्हेंभी यह डर लगता है कि समाज उनकी बात पर भरोसा नहीं करेगा, लेकिन बेहतर होगा आप भी अपने हक़ के लिए लड़ें औरग़लत बातों को बर्दाश्त न करें और सबसे बड़ी बात अपने स्वाभिमान के लिए अन्याय बर्दाश्त न करें! 2. सेक्स में ज़बर्दस्ती: मैरिटल रेप के कई मामले सामने आते हैं लेकिन इस पर अब तक विवाद ही है, लेकिन महिलाएंइसका काफ़ी शिकार होती हैं. सेक्स और रिश्ते में दोनों की भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान बेहद ज़रूरी है. लेकिनअगर सेक्स में पार्टनर बस अपनी ही ज़रूरत का ख़याल रखता है तो वो मशीनी प्रक्रिया होती है जिसमें भावनाएं व प्यारनदारद होता है. अगर आप अपने पार्टनर का सम्मान करते हैं, तो पार्टनर से भी उम्मीद करते होंगे, वो भी उतना ही सम्मानआपको दे. लेकिन जब ऐसा नहीं होता और एक ही पार्टनर हमेशा अपनी इच्छाएं थोपता चला जाता है, तो यह ज़बर्दस्तीघुटन पैदा करती है. अगर पार्टनर आपको समय नहीं देता, रोमांस की आपकी ज़िंदगी व बेडरूम में जगह नहीं, आपके पासप्यार से बैठकर आपके सुख-दुख के बारे में जानने की कोई ज़रूरत नहीं समझता और आपको महज़ अपनी ज़रूरत पूरीकरने का साधन समझता है तो उस रिश्ते में आप कहां हो ये समझ लेना ज़रूरी है. 3.अप्राकृतिक यानी अननेचुरल सेक्स: कई पुरुष अपने पार्टनर पर अननेचुरल सेक्स के लिए दबाव डालते हैं. भारत मेंएनल सेक्स और ओरल सेक्स ग़ैरक़ानूनी है और अगर आपका पार्टनर कंफर्टेबल नहीं है, तो उस पर दबाव न डालना हीबेहतर होगा. वो पोर्न फिल्मों को अपना आदर्श मानते हैं और अपने पार्टनर से उसी तरह के प्रदर्शन की चाह रखते हैं. सेक्समें दोनों का सहज रहना ज़रूरी है. यदि कोई समस्या है, तो विशेषज्ञ की राय ली जा सकती है, आप काउंसलर के पास भीजाकर अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने के तरी़के जान सकते हैं या आप आपस में बात करें, सेक्स में और भी कईतरह के फ़न और एक्सपेरिमेंट किए जा सकते हैं ताकि बोरियत न हो और न ही इस तरह अननेचुरल सेक्स का सहारा लेनेकी बात दिमाग़ में आएगी. 4. एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर: रिश्ते में बेईमानी बर्दाश्तन करें. अगर कभी कोई भूल हो जाए या इंसान भटक जाए, तो माफ़किया जा सकता है, लेकिन यदि कोई बार-बार आपके भरोसे का फ़ायदा उठाता रहे और वही गलती बार-बार दोहराए, तोआपको आंखें खोल लेनी चाहिए. यह सोचकर कि रिश्ता टूट जाएगा, इसलिए बर्दाश्त करते रहना, सहते रहना सही नहीं. अगर आप सहते जाएंगे तो पार्टनर आपको हल्के में लेगा. उसकी यह सोच बन जाएगी कि मैं चाहे जो भी करूं, उसे बर्दाश्तकर लिया जाएगा, अच्छा होगा कि पार्टनर के इस भ्रम को तोड़ें और ख़ुद को भी भ्रमित होने से रोकें. आपके लिए अगरपार्टनर के मन में प्यार और सम्मान नहीं तो उस रिश्ते को भी वो सम्मान नहीं देगा जिसमें आप दोनों बंधे हैं. 5.भावनात्मक शोषण व मानसिक प्रताड़ना: शारीरिक प्रताड़ना ही नहीं मानसिक प्रताड़ना भी बेहद घातक होती है. इसकेअलावा भावनात्मक रूप से भी कई लोग अपने पार्टनर को प्रताड़ित करते हैं. यदि आपको यह महसूस हो रहा है कि रिश्ते मेंआपका शोषण हो रहा है, मानसिक यातनाएं दी जा रही हैं, बेवजह गाली-गलौज की जा रही है या आर्थिक स्तर पर भीपरेशान किया जा रहा है, तो अपने लिए स्टैंड लें और पार्टनर से जितना जल्दी हो बात करके बताएं कि ये सब आप बर्दाश्तनहीं करेंगी. अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाएं. यदि आपको यह महसूस हो रहा है कि रिश्ते में आपका शोषण हो रहा है, पार्टनर या कोई भी आपको भावनात्मक स्तर पर सपोर्ट नहीं कर रहा या हर छोटी-मोटी ज़रूरतों के लिए आपको उसकेसामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है, हर बात पर आपको तंज कसे जाते हैं, सबके सामने नीचा दिखाने की कोशिश होती है या येजताया जाता है कि आपकी कोई अहमियत नहीं तो चुप रहकर सहना समझदारी नहीं. तो क्या करें? सबसे पहला रास्ता है बात करें. अपनी बात प्यार और शांति से समझाएं कि आप रिश्ते को महत्व देती हैं इसलिए इसेबचाए रखना चाहती हैं. लेकिन बात से जब बात आगे बढ़ जाए तो आप एक्सपर्ट की राय व मदद लेने से न हिचकें. अपनेऔर पार्टनर के पेरेंट्स से बात करें और बड़ों की राय के बाद निर्णय लें ताकि रिश्ते में ये सब न सहना पड़े. पिंकी शर्मा
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क्या आपको याद है आपने अपने अपनों के लिए आख़िरी बार कब और क्या स्पेशल किया था? क्या आपको याद…
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क्या आपके रिश्ते में भी ऐसा मोड़ आ गया है कि आपको उनसे ऊब-सी होने लगी है? क्या ऐसा लगता…
कहते हैं प्यार में सब कुछ जायज़ है लेकिन सुमित की सोच कुछ अलग ही थी... आज सुमित को एक अरसे बाद देखा वोभी अपने पति की ऑफ़िस पार्टी में. बालों में हल्की सफ़ेदी झलक रही थी पर व्यक्तित्व उतना ही आकर्षक और शालीन... दिल पुरानी यादों में डूब गया. मुझे याद है एक-एक लम्हा जो सुमित की बाहों में बीता था, कितना हसीन हुआ करता थातब सब कुछ. सुमित और मैं साथ ही पढ़ते थे और उसका घर हमारे घर से कुछ ही दूरी पर था. वो बस कुछ ही वक़्त पहलेयहां शिफ़्ट हुआ था. कॉलेज का आख़िरी साल था और सुमित ने भी मेरे ही कॉलेज में एडमिशन ले किया था. आते-जातेपहले आंखें मिलीं और फिर साथ पढ़ते-पढ़ते दोस्ती हो गई. सुमित काफ़ी समझदार था और मैं उसकी इसी समझदारी की क़ायल थी. मैंने उसे अपने दिल की बात कहने में देर नहींलगाई और उसने भी अपनी भावनाओं का इज़हार कर दिया. पढ़ाई पूरी हुई और घर में मेरी शादी की बातें भी होने लगीं. एक रोज़ पापा ने ऐलान कर दिया कि लड़केवाले आ रहे हैं देखने. मैं घबरा गई और भागकर सुमित के पास गई. उसेबताया तो उसने कहा कि मैं घरवालों को बता दूं और कल वो भी आकर पापा से बात करेगा. मैंने हिम्मत जुटाकर मम्मी-पापा को अपने प्यार का सच बता दिया. पापा ने भी कहा ठीक है सुमित को आने दो कल, तभीबात करेंगे पर फ़िलहाल जो लोग देखने आ रहे हैं उस पर ध्यान दो. लड़केवाले तो आकर चले गए पर मुझे कल का इंतज़ार था. सुमित आया और पापा ने मुझे भी बुलाया. पापा बोले- मुझेलव मैरिज से कोई प्रॉब्लम नहीं है, ये सुन मैं एक पल को खुश हो गई, पर पापा की आगे की बातें सुन मैंने उम्मीद छोड़ दी. “सुमित अगर तुम हमारे समाज के होते तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होती क्योंकि तुम होनहार हो, समझदार हो लेकिन मैंअपने समाज के विरुद्ध जाकर रचना की शादी नहीं कर सकता. मुझे भी नाते-रिश्तेदारों को जवाब देना है. मैं तुम दोनों कोभ्रम में नहीं रखना चाहता इसलिए साफ़-साफ़ कह दिया.” मेरे सारे सपने बिखरते नज़र आए मुझे... रात के एक बज रहे थे... “अरे रचना, इतनी रात तुम मेरे यहां? सब ठीक तो है?” “सुमित चलो भाग चलते हैं, हम अपने प्यार को ऐसे हारते देख नहीं सकते. शादी कर लेंगे तो पापा ज़रूर माफ़ कर देंगे.” “रचना, मैं अपने प्यार को ऐसे कलंकित नहीं कर सकता, यूं चोरी-छिपे शादी करना ठीक नहीं, तुम्हारे घरवालों की औरतुम्हारी भी बदनामी होगी. मैं तुम्हें बदनाम कैसे कर सकता हूं, सिर्फ़ अपने स्वार्थ के लिए? प्यार का अर्थ पाना ही नहीं होताबल्कि खोना भी होता है. मुझे उम्मीद है तुम हमारे प्यार की लाज रखोगी और अपनी शादी को दिल से निभाओगी! मेरीख़ातिर... चलो तुम्हें घर छोड़ दूं.” मैं आंसुओं के सैलाब में डूब गई और चुपचाप शादी भी कर ली. पापा ने विदाई के समय कहा था, “मुझे माफ़ कर देनाबेटा, मैं कायर निकला!” मेरे पति अरुण काफ़ी अच्छे और नेकदिल थे, लेकिन सुमित की कमी हमेशा ही खली! “अरे रचना, इनसे मिलो, ये सुमित हैं, कुछ ही दिन पहले इनका यहां ट्रांसफ़र हुआ है.” मेरे पति ने सुमित से मिलवाया और मैं बीते वक्त से वर्तमान में लौट आई. मौक़ा पाते ही मैंने सुमित से उसका नंबर ले लिया. हिम्मत जुटाकर फ़ोन लगाया. हालचाल पूछा, पत्नी-परिवार के बारे मेंपूछा. “रचना, मैंने शादी नहीं की. किसी और से शादी करके मैं उसके साथ अन्याय नहीं करना चाहता था. मेरा प्यार तो तुम होऔर हमेशा रहोगी.” मैं समय निकालकर सुमित के घर जा पहुंची... “रचना तुम्हें इस तरह नहीं आना चाहिए था, किसी को पता चलेगा तोतुम्हारे लिए परेशानी हो जाएगी” “मैं खुद को रोक नहीं पाई और अब जब हम एक ही शहर में हैं तो मिल तो सकते ही हैं ना...” ख़ैर कुछ देर रुककर मैं घर लौट आई. ऐसा लगा ज़िंदगी फिर मुझे सुमित के क़रीब रहने का मौक़ा देना चाहती है... …