ज़रा सोचिए, जिस इंसान को यह पता चलेगा कि उसने उस डॉक्टर से पेस मेकर लगवाया है जो डुप्लीकेट पेस…
‘‘दादाजी, आप गुज़रे ज़माने की चीज़ हैं. पहले घर में एक आदमी कमाता था और बाकी बैठकर खाते थे, लेकिन…
सब पत्र-पत्रिकाओं को देख छांटना कोई छोटी-मोटी बात नहीं, सो सुविधा से काम करने का सोच ही रहा था कि…
हिजाब की मथानी से मक्खन कम मट्ठा ज़्यादा निकल रहा है. जनता नौकरी, रोज़गार, शिक्षा और सुकून चाहती है, लेकिन…
अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ानेवाले हिंदी के अध्यापक बुद्धिलाल जी क्लॉस में छात्रों को शिक्षा दे रहे…
मेहराजी शादी की एल्बम और वीडियो फिल्म न बनने से काफ़ी ख़ुश हैं. उनका निजी अनुभव है कि जब-जब उन्होंने…
इंसान तो सिर्फ़ मुंह से बोलता है, पर पैसा चारों तरफ़ से बोलता है. पैसा चाहे कार की ड्राइविंग सीट…