"ऐसी मंशा नहीं थी मेरी... तुम्हारा पुरुषार्थ कुंठित हो ऐसा तो मैं कदापि नहीं चाहती थी, परंतु पुरुषार्थ की…
एक धोबी का गधा था. वह दिन भर कपडों के गट्ठर इधर से उधर ढोने में लगा रहता. धोबी स्वयं…
मम्मी-पापा की अकाल मृत्यु के बाद नरेन भैया ही तो उसके सब कुछ थे. उसे पढ़ा-लिखाकर अपने पैरों पर खड़ा…
“मैंने बहुत कोशिश की कि मैं वहां से भाग जाऊं, पर मैं तो जैसे किसी अंधे कुएं में गिर…
मिथिला के जंगलों में बहुत समय पहले एक सियार रहता था. वह बहुत आलसी था. पेट भरने के लिए खरगोश…
क्या लड़का है! कितने अधिकार से अपनी पसंद बताकर लौट गया. सीटी तो ऐसे बजा रहा है, जैसे उसका…
मैं तो आजकल कुछ अधिक ही भावुक होती जा रही हूं. इतने प्यारे और आज्ञाकारी बच्चों के रहते भला…
“इन लुभावनी बातों और शब्दों के जाल में क्यों उलझते हो. जिस संसार में, जिस घर में तुम रहते हो,…
एक वन प्रदेश में बहुत बड़ा तालाब था. वहां हर प्रकार के जीवों के लिए भोजन सामग्री उपलब्ध थी. इसलिए…
इंटरनेट के असीम संसार में दादी, सास, सलाहकार, सहेली, लेखिका जैसी कितनी ही भूमिकाओं को निभाकर शारदा अब बहुत ही…