"तुम तो बहुत हंसमुख हो... लेकिन पता है लोग तुम्हें बहुत घमंडी मानते हैं और..." मैं बोलते-बोलते रुक गई."और... और...…
“पहली बार सावन, सावन सा लगा मम्मीजी, वरना अभी तक तो सावन की थीम पार्टी अरेंज करके उसमें ही बहल…
कभी कभीमुझे लगता हैमुझे इश्क़ का चैप्टर क्लोज़ कर देना चाहिएकि तभी तुम आ जाती होमुस्कुराते हुएमेरे सीने पर हाथ…
"मेरी बात ध्यान से सुन! तेरे ऊपर इस समय ऑफिस और घर के कामों का बहुत भार है, इसलिए तो…
मनौती के धागे नहीं धूपदीपपुष्प भी नहीं कुछ पाने की प्रार्थना नहींआरतीपाठ मंत्र भी नहीं सुवासित जल भी नहीं रोली अक्षत चंदन भी नहींप्रेम के मंदिरमें तुम रीते…
लंबा और हैंडसम है. सामने के बाल गिर गए हैं, पर केश पतन से भव्य दिखता ललाट इसे बुद्धिमान दर्शा…
“सर, कभी मेरे घर आइए, साथ चाय पीएंगे.” मोहनजी मुस्कुराए, “मिस के. वाई. मैंने सोचा ही नहीं कि आपको कभी…
“अब तक तो खुले आसमान के नीचे रहकर भी उम्रकैद भुगत रही थी मैं. सारी ख़ुशियां, सारी इच्छाएं इतने सालों…
बारात आ गई थी. सभी ख़ुश व उल्लासित थे. पर उस उल्लासभरे वातावरण में एक काली घटना ने सुज़ैन की…
धीमी गति से उस अधेड़ को गाड़ी के पास आता देख विनय कार से बाहर आ गया और वर्मा जी…