“शायद तुम ठीक कहती हो. अब ज़िंदगी आराम की रहेगी. आख़िर तुम्हारी तो पूरी ज़िंदगी ही एक रिटायर्ड लाइफ़ रही…
यह शाश्वत सत्य है कि ख़ुशियां क्षणिक होती हैं. यह भी उतना ही सत्य है कि जीवन में दुखों का…
लो आया मौसम सावन कायादों के महकते मधुवन साबाबुल के बोलते आंगन साकुछ सखियों सा कुछ साजन सा वो गुड़िया,…
“एक रिक्वेस्ट और थी, आप बुरा मत मानिएगा.” मैंने दिल कड़ा कर लिया, कुछ और भी बचा था अभी?“जी बताइए.”“हो…
मुझे जीवित देख सभी बेहद ख़ुश हुए और आश्चर्यचकित भी; आख़िर मैं अपनी बुआ का इकलौता भतीजा जो था. तो…
यहां सब कैलाशजी को आलू-टमाटर का प्रेमी मानकर बैठे थे, पर असल में आलू-टमाटर उनका प्रेम नहीं, बल्कि वो तो…
काश तुम समझ पातेमेरे मन की ख़ामोशी कोजो लफ़्ज़ों में कही ना गईमन में ही दबी रह गईदिल के किसी…
“मैं तुम्हारी तरह मज़बूत नहीं हूं वागेश, शायद तभी सुधाकर की सोच के साथ तालमेल नहीं बैठा पा रही हूं.…
पहले-पहले शीशे के सामने खड़ी होकर, वह अपनी मनोदशा पर ख़ुद ही हंस पड़ती. उस रात देवेश ने यही समझाया…
"… चाहे इसकी शादी हो या देवरानी की डिलीवरी… हर मौक़े पर कौन से लालच में मैंने एक पैर खड़े…