“हर मां चाहती है कि उसकी बेटी मायके हंसी-ख़ुशी आए... नील सीधा-सादा लड़का है. उसे गिटार का पैशन है, यह…
पत्नी धर्म पूरी तरह निभा कर भी, घर के सब दायित्वों का निर्वाह करके भी. अंतरंग क्षणों में मन कहीं…
“मैं होश में ही हूं, अमित मैं तुम्हें साफ़-साफ़ बता देना चाहती हूं कि निशा निशा है, आनंदी नहीं. निशा…
मैं जानती हूं कि तुममें बुद्ध बनने की पूरी संभावना थी और आज जब तुम बुद्ध बनकर किसी पुष्प की…
“हम तुम्हें अच्छी लड़की समझते थे, मगर तुम्हारा इरादा जानकर मुझे नफ़रत होती है. आज के ज़माने में कोई प्यार…
मेरी पलकों पर कुछ बूंदें टिकी हैं क्या गुज़रे हुए लम्हों से गुज़र रहा हूंकहीं ऐसा तो नहीं अपनी ज़िंदगी में ख़ुद के…
"... हम बाहरी दिखावा और अपने आनन्द के लिए ऐसे-ऐसे चलन प्रचलित कर देते हैं, जो आगे चलकर समाज के…
उसने पहली बार अपने प्यार को शब्दों का जामा पहनाया. मैं निःशब्द होकर उसकी बातें सुनती रही. उसने मुंबई में…
जिस व्यक्ति ने ‘विधवा’ शब्द की रचना की, उसने स्त्री के दुर्भाग्य का प्रथम परिच्छेद लिख दिया था. यह घोर…
"मैं कभी भी उसे दुखी नहीं करना चाहता था. वह जब मेरी पत्नी बन कर आई, हर पल चहकनेवाली बुलबुल…