… कविता ने जिस तरह एक के बाद एक धुन पर त्रुटिहीन तरीक़े से गाया, उसने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. बिल्कुल अलग-अलग धुनें और अलग-अलग राग, लेकिन सभी पर ज़बर्दस्त पकड़. बीस मिनट बाद जब कविता का राउंड ख़त्म हुआ, तो दर्शकों के साथ-साथ जूरी मेंबर्स भी खड़े होकर तालियां बजाने लगे. कविता ने फाइनल राउंड के लिए ज़बर्दस्त दावेदारी पेश की थी.
अगले प्रतियोगी रोहित दयाल ने शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ लोक संगीत पर भी अपनी ज़बर्दस्त पकड़ दिखला, लेकिन ज़ैज संगीत के तीस सेकंड के दौर के बाद वे रवीन्द्र संगीत के साथ जुगलबंदी न कर सके और प्रतियोगिता से बाहर हो गए.
अगली प्रतियोगी सुनीता अग्रवाल, हब्बा खातून के कश्मीरी गीत मेहा तेर काचे… के बाद कैलाश खेर के गीत उड़ता-उड़ता एक परिन्दा… के साथ तालमेल न बिठा पाने के कारण प्रतियोगिता से बाहर हो गईं. केवल अंतिम प्रतियोगी शब्द कुमार ने कविता हेमरजानी की ही तरह बीस मिनट तक हर धुन पर सफलतापूर्वक गाया. दर्शकों की ज़ोरदार तालियां इस बात की गवाह थीं कि शब्द कुमार भी विजेता बनने की भरपूर काबिलियत रखते हैं.
‘‘दोस्तों, इस अनोखी प्रतियोगिता के बाद हमारे सामने दो सितारे कविता हेमरजानी और शब्द कुमार उभर कर सामने आए हैं. दोनों एक से बढ़कर एक है, लेकिन इनमें से कौन होगा इंडियाज सुपर सिंगर इसका फ़ैसला दो दिन बाद होनेवाले फाइनल राउंड में होगा.’’ माइक पर एक बार फिर एंकर की आवाज़ गूंजी.
दोनों प्रतियोगियों द्वारा वोट करने की अपील के साथ उस दिन का प्रोग्राम समाप्त हो गया. कविता बुरी तरह थक चुकी थी. उसे इस बात का अंदाज़ा भी न था कि सेमीफाइनल राउंड इतना अप्रत्याशित और कठिन होगा. अलग-अलग धुनों, अलग-अलग राग और अलग-अलग भाषाओं में गाने के लिए जान लड़ा देनी पड़ी थी. दो सेकंड में एक धारा से बिल्कुल विपरीत धारा में जाकर गीत गाना तलवार की धार पर चलने के समान था. ज़रा से चूके और खेल ख़त्म. संगीत के ज्ञान के साथ-साथ यह चपलता और धैर्य की भी परीक्षा थी. अपनी समस्त ऊर्जा, शक्ति और चेतना को अर्पित कर कविता इस दुर्गम पड़ाव को पार करने में सफल रही थी.
होटल के कमरे में आकर वह बिस्तर पर ढेर हो गई. खाना खाने तक की सुध न रही. अगली सुबह जब नींद खुली तो दरवाज़े के पास कई अख़बार पड़े थे. सभी में उसकी और शब्द कुमार की तारीफ़ों के पुल बंधे थे. कोई शब्द कुमार को विजेता का प्रबल दावेदार बता रहा था, तो कोई उसे.
अगला भाग कल इसी समय यानी ३ बजे पढ़ें…
संजीव जायसवाल ‘संजय’
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