श्रम-निष्ठा जो हो सच्ची, माँ मेरे द्वारे तुम आना, आत्मा को तृप्त करें, वरदान मुझे वो दे जाना। युक्ति की…
बहुत ज़रूरी काम है ये, भाई मेरे मत झुठलाना इक बेटी की हंसी खो गई, कहीं मिले तो बतलाना ओढ़…