Hungry for love? We bring you some commonly known aphrodisiacs and get nutritionist Dr Sonia Narang to decode them. now,…
हेल्दी और फिट रहना आज के टाइम में मुश्किल ज़रूर लगता है लेकिन ये इतना भी मुश्किल नहीं. अगर आप खुद को रोज़ देंगे फिटनेसका डोज़ तो आपका हर दिन हेल्दी बनेगा. बस इन ईज़ी टिप्स को फ़ॉलो करें. हर दिन सुबह एक पॉज़िटिव सोच के साथ उठें. इससे आपका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहेगा और स्ट्रेस कम होगा.चेहरे पर एक स्माइल हो और बिना किसी शिकायत के खुश होकर जोश के साथ दिन शुरू करें. हल्का व्यायाम, योगा, मेडिटेशन को अपना मॉर्निंग रूटीन बनाएं. इससे दिन भर एनर्जेटिक महसूस करेंगे. अपने शरीर के साथ-साथ मन को भी फ़िट रखने की दिशा में प्रयास करें. हर रोज़ एक अच्छा काम करने का संकल्प लें और दिन बांट लें, जैसे- मंडे किसी गरीब को खाना खिला दें, मंगलवार किसी केलिए कुछ भी बुरा कहने से बचें, बुधवार अपने गांवके रिश्तेदारों या दूर रहनेवाले दोस्तों का हाल चाल फ़ोन पर पूछ लें, गुरुवारदिनभर ग़ुस्सा न करने और हंसते रहने का संकल्प लें, शुक्रवार लोगों को कॉम्प्लिमेंट देने के लिए रखें, शनिवार घरवालों को कुछसरप्राइज़ दें, संडे अपने बारे में कुछ अच्छा सोचें. एक डायरी बनाएं और किस तरह आप अपना हर दिन बेहतर व ख़ास बना सकते हैं उससे सम्बंधित बातें लिखें. अच्छी किताबें पढ़ें, सोने से पहले रोज़ आधा घंटा कुछ अच्छा पढ़ने की आदत डालें. पॉज़िटिव थिंकिंग और मोटिवेशनल बुक्सपढ़ें.नेगेटिव लोगों से दूर रहें. अपनी बॉडी को पहचानें. ये ज़रूरी नहीं कि एक हेल्दी हैबिट जो दूसरे के लिए सही हो वो आपको भी सूट करे. सुबह उठकर गुनगुने पानी में नींबू पीना हेल्दी ज़रूर है लेकिन जिनको एसिडिटी या एलर्जी की प्रॉब्लम है उनको शायद ये सूट नकरे इसलिए बेहतर होगा कि रूटीन में कोई भी ऐसे बदलाव से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछ लें.हेल्दी नाश्ता करें, क्योंकि रिसर्च कहते हैं ब्रेकफ़ास्ट करने से मोटापे और डायबीटीज़ जैसे रोगों का ख़तरा कम होता है. अगर ब्रेकफ़ास्ट नहीं करते तो ज़बरदस्ती आदत न डालें क्योंकि सबका शरीर अलग होता है और सबके शरीर की ज़रूरतें भीअलग होती हैं.वज़न को कंट्रोल में रखें. इससे आप कई तरह के रोगों से बचे रहेंगे.खाने में हर तरह की वेरायटी हो ये ध्यान रखें, ताकि पोषण की कमी न हो. किसी भी चीज़ को पूरी तरह से खाना बंद न करें, जैसे- घी, तेल, शुगर, नमक, मिर्च-मसाला, खट्टा आदि क्योंकि शरीर को इनसबकी ज़रूरत होती है और इनकी कमी से भी शरीर में ज़रूरी तत्वों की कमी हो जाती है, जैसे- शुगर की कमी से आपका बीपीकम हो सकता है… इसी तरह घी-तेल पूरी तरह बंद करने से बॉडी में ड्राईनेस आ सकती है. बेहतर होगा संतुलन बनाए रखें.वेटलॉस के लिए भी छोटे गोल्स सेट करें, ये न सोचें कि बस एक हफ़्ते में ही सारा फैट्स कम हो जाएगा. खुद को और अपने शरीर को वक्त दें.ओवर एक्सरसाइज़ न करें, इससे मसल डैमेज हो सकती है और आप खुद को हर्ट भी कर सकते हैं. वक्त पर बेड पर जाएं और नींद पूरी लें. सोशल मीडिया और टीवी देखने का भी एक वक्त तय कर लें कि डेली आपको इतना ही समय देना है और उस टाइम टेबल कोईमानदारी से फ़ॉलो करें.अपने रोज़ के कुछ काम खुद करें, जैसे- अपने कपड़ों को प्रेस करना, जूतों को पॉलिश करना, अलमारी में अपने कपड़े खुद ठीककरके रखना आदि. इससे आप फ़िज़िकली एक्टिव रहेंगे और अपना काम खुद करने की आदत से अलग ही सुकून और संतुष्टिमिलती है. रोज़ का अपना मेनू संडे को ही बना लें. हफ़्तेभर के इस मेनू में आपको अपने पोषण और कैलोरीज़ को संतुलित रूप से डिवाइडकरना होगा, साथ ही क्रेविंग्स के लिए चीट डे भी रखें.दिनभर के अपने भोजन की थाली में जितने ज़्यादा हो सके कलर्स ऐड करें.गेहूं के आटे की जगह कभी नाचनी, रागी, ज्वार-बाजरा भी ट्राई करें. वाइट राइस की जगह ब्राउन राइस खाएं.प्रोटीन, कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिंस की ज़रूरतों को डायट से पूरा करने की कोशिश करें, न कि सप्लिमेंट्स से.रेडी तो ईट या रेडी तो कुक खाने की बजाय घर पर बना खाना ही खाएं. पैक्ड फ़ूड में प्रीजर्वेटिव होते हैं. सब्ज़ियों का सूप पिएं, दाल पिएं, मौसमी फल और सब्ज़ियां खाएं.हेल्दी और अनहेल्दी फैट्स के फ़र्क़ को जानें और हेल्दी फैट्स खाएं.डेली सुबह या तो रातभर पानी में भिगोए बादाम छीलकर खाएं या फिर चने और किशमिश भिगोकर खाएं. ये बहुत हेल्दी होता हैऔर आपको दिनभर एनर्जेटिक रखता है क्योंकि ये प्रोटीन, फाइबॉर, विटामिन, राइबोफलेविन व अन्य पोषकतत्वों से भरपूर होता है.अपने लंच में दही या पनीर, सलाद या हरी पत्तेदार सब्ज़ी ज़रूर शामिल करें. पानी न तो कम पिएं और न ही बहुत ज़्यादा. हाइड्रेटेड रहें. पानी आपके बॉडी टॉक्सिंस को बाहर निकालता है. लिफ़्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें. डेली रात के भोजन के बाद थोड़ा टहलने ज़रूर जाएं, अगर बाहर नहीं तो घर पर ही टहलें. डेली अपना मनपसंद म्यूज़िक ज़रूर सुनें या जो आपको पसंद हो उसके लिए वक्त निकालें.ग्रीन टी को अपने डेली रूटीन में शामिल करें. सूखी सब्ज़ी की बजाए तरीवाली सब्ज़ी खाएं. ब्रोकोली, लौकी, मेथी-पालक, पत्ता गोभी को अपने डायट में शामिल करें. पपीता, सेब जैसे फल काफ़ी पौष्टिक होते हैं. पपीता आप कभी भी खा सकते हैं. रात को भी. ये पेट और पाचन तंत्र के लिएकाफ़ी अच्छा होता है और पेट भी साफ़ रखता है.हींग, जीरा,दालचीनी, हल्दी, अदरक, काली मिर्च आदि काफ़ी हेल्दी होते हैं, इनको अपने डेली डायट में शामिल करें. टमाटर, चुकंदर, गाजर आदि खून की कमी नहीं होने देते, इनका सलाद खाएं. डेली शाम को बाहर से आने के बाद हल्के गर्म पानी में नामक मिलाकर अपने पैरों को उनमें डुबोकर रखें, इससे दिनभर की सारीथकान उतर जाएगी. रात को सोने से पहले हल्दीवाला दूध पिएं. पैरों में लोशन लगाकर सोएं. डेली हाईजीन का ख़याल रखें. नहाने के पानी में गुलाबजल या नीम का उबला पानी मिलाएं. चाहें तो आधा नींबू काटकर भी मिलासकते हैं.बहुत ज़्यादा पेनकिलर या दवाएं खाने से बचें. हल्की-फुल्की तकलीफ़ों के लिए घरेलू उपाय करें, जैसे- अगर पेट फूला हुआ लगरहा है, गैस की समस्या है तो हींग को गुनगुने पानी में मिलाकर पेट और नाभि में लगाएं.कोशिश करें कि आप कम से कम बीमार पड़ें, पानी साफ़ पिएं, साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखें, घर में सही वेंटिलेशन हो, डिसइंफ़ेक्टेंट का उपयोग करें. नियमित हेल्थ चेक अप और वैक्सीन लगवाएं. बीच-बीच में घूमने जाएं ताकि बोरियत मिटे और रूटीन थोड़ा बदले. डेली ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ या प्राणायाम ज़रूर करें. रोज़ खुलकर ज़रूर हंसे क्योंकि इससे लंग्स मज़बूत और लचीले होते हैं.खाने के फ़ौरन बाद पानी न पिएं, बल्कि वज्रासन में कुछ देर बैठें. ये एकमात्र योग है जो भोजन के बाद किया जाता है. ये खानापचाता है, पाचन क्रिया को बेहतर करने के साथ-साथ पीठ दर्द से राहत देता है और अच्छी नींद में भी मदद करता है. रिंकु शर्मा
सरसों के तेल में काफ़ी गुण हैं और सर्दियों में तो यह वरदान है, ना सिर्फ़ हेल्थ बल्कि इसके ब्यूटी बेनीफिट्स भी हैं. हेल्थ बेनीफिट्स इसमें एंटीबैक्टीरीयल, एंटीफ़ंगल और एंटीकर्सिनोजेनिक प्रॉपर्टीज़ हैं जो कैन्सर जैसे गंभीर रोग से बचाव करती हैं. यह पेट व मलाशय के कैन्सर से बचाता है. कई तरह के इन्फ़ेक्शंस से भी बचाने में यह कारगर है. खाना बनाने मेंइसका प्रयोग बेहद फ़ायदेमंद है.इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए ये सर्दी-ज़ुकाम से भी बचाव करता है. सरसों के तेलवाली स्टीम लेने से सीने औरनाक में जमा कफ निकल जाता है. यह साइनस से भी बचाव करता है. सरसों के तेल में लहसुन की कुछ कलियां और एक चम्मच अजवायन मिलाकरगर्म करें और इससे तलवों और सीने की मालिश करें. सर्दी से बचे रहेंगे.यह शरीर में गर्माहट पैदा करता है. सरसों के तेल की मालिश करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और रक्त संचारभी बेहतर होता है. इस तेल की मालिश करने के बाद स्नान करने से शरीर स्वस्थ रहता है. नहाने के बाद भी इसे लगा सकते हैं. नाक, कान और नाभि में इसे लगाएं. यह दांतों को मज़बूत और स्वस्थ बनाता है. दांतों में तकलीफ हो तो सरसों के तेल में नमक मिलाकर दांतों औरमसूड़ों की मालिश करें. सरसों के तेल की मालिश से जोड़ों का दर्द और गठिया रोग भी ठीक हो जाता है.सरसों के तेल का प्रयोग हार्ट के लिए भी हेल्दी माना जाता है. इसे यूज़ करने से कोरोनरी हार्ट डिसीज़ का खतरा भीकम होता है. इसमें सैचुरेटेड फ़ैटी ऐसिड्स कम होता है और एसेंशियल फ़ैटी ऐसिड्स इसमें काफ़ी मात्रा में होते हैंजिससे ये खाने में प्रयोग का हेल्दी ऑप्शन है. यह हार्ट फेल और ऐंजाइना के ख़तरे को कम करता है और जिन्हेंहृदय रोग है उनके लिए यह बेहतरीन ऑप्शन है.जिन्हें सांस संबंधी समस्या हो या अस्थमा की शिकायत हो तो उनके लिए भी सरसों का तेल वरदान साबित हुआ है. सरसों में मैग्नीशियम पाया जाता है और सरसों के तेल में पाया जानेवाला सेलेनियम अस्थमा के प्रभाव को कमकरने में कारगर साबित होता है.यह मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है, सर्कुलेशन और ब्रेन फ़ंक्शन को भी इम्प्रूव करता है क्योंकि इसमें स्टिम्युलंटप्रॉपर्टी होती है. ये पाचन तंत्र को बेहतर करके भूख लगने में मदद करता है. अगर भूख न लगे, तो खाना बनाने में सरसों के तेल काउपयोग करें.ये वज़न को घटाने में भी सहायक है. इसमें मौजूद विटामिन्स मेटाबाल्जिम को बढ़ाते हैं जिससे वजन घटाने में मददमिलती है.ये इन्सेक्ट बाइट और रैशेज़ के प्रभाव को कम करता है. अगर किसे कीड़े या मच्छर ने काट लिया है तो वहां इसेअप्लाई करें. इसी तरह रैशेज होने पर भी यहां तक कि छोटे बच्चों को नैपी रैश होने पर भी इसे यूज़ किया जाता है. ब्यूटी बेनीफिट्स यह बेहतरीन मॉइश्चराइज़र है, ठंड में ड्राई स्किन को हेल्दी ग्लो देना हो तो गुनगुने सरसों के तेल की मालिश करें.इसे बेसन और हल्दी में मिलाकर उबटन तैयार करें, त्वचा निखर जाएगी.एंटीफ़ंगल प्रॉपर्टीज़ के कारण ये फ़ंगल इंफ़ेक्शन से बचाता है. विटामिन ई का ये बेहतरीन स्रोत है, ये रिंकल्स और फ़ाइन लाइंस को कम करता है.ये बालों के लिए भी बेहद लाभकारी है. हेयर फ़ॉल को रोकता है, स्काल्प में ब्लड सर्क्युलेशन बेहतर करके बालों कीग्रोथ भी बेहतर करता है.यह सनटैन को दूर करने में भी मदद करता है.यह फटे होंठों को नर्म मुलायम बनाता है.इसमें विटामिन बी कॉमप्लेक्स भरपूर मात्रा में मौजूद होता है जो स्किन हेल्थ के लिए फायदेमंद है. इसे अप्लाई करनेसे स्किन टोन बेहतर होती है, दाग और झाइयों से भी छुटकारा मिलता है.इसमें एंटी एजिंग तत्व होते हैं जो आपको देते हैं यंगर स्किन.ये है नेचुरल सनस्क्रीन, जो अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाव करता है. घर से बाहर जाने से पहले हल्का सा ऑइलस्किन पर अप्लाई करें और सूरज की हानिकारक किरणों से बचें.यह बालों को असमय सफ़ेद होने से रोकता है. दही में सरसों का तेल मिलाकर बालों में लगाने से कई तरह की बालोंकी समस्या से छुटकारा मिलता है.अगर बाल समय से पहले सफ़ेद हो रहे हैं तो सोने से पहले सरसों के तेल की मालिश करें या सुबह बाल धोने से एकया आधे घंटे पहले तेल लगाएं, लाभ होगा.अगर डैंड्रफ की समस्या है और इचि स्काल्प से परेशान हैं तो स्काल्प मसाज करें. चाहें तो सरसों और नारियल तेलको सामान मात्रा में मिला लें. स्काल्प मसाज करें, टोवेल से कवर करें और दो घंटे बाद शैम्पू कर लें. रिंकू शर्मा --
जैसे-जैसे हम तऱक्क़ी करते जा रहे हैं, वैसे-वैसे उसकी क़ीमत भी चुका रहे हैं. औद्योगिक विकास हो या फिर तकनीकी,…
हेल्दी तो हम सभी रहना चाहते हैं लेकिन कुछ छोटे छोटे सूत्र हैं जिन पर हम ध्यान ही नहीं देते, अगर ये सूत्र और सीक्रेट हमसमझ जाएँ तो हेल्दी रहना आसान हो जाए. आइए जानते हैं इन्हीं सीक्रेट सूत्रों को- सकारात्मक रहें और अपना महत्व समझें. खुद पर ध्यान देना ज़रूरी है इस तथ्य को समझ लें.दूसरों के लिए जीना अच्छी सोच है लेकिन उससे पहले खुद के लिए जीना सीखें.आप हेल्दी रहेंगे तभी तो दूसरों के लिए भी कुछ कर पाएँगे.हाईड्रेटेड रहें ताकि शरीर में पानी व नमी की कमी ना हो. पानी ज़हरीले तत्वों को बाहर करता है और पाचन क्रियाको बेहतर बनाता है.फ़िज़िकली एक्टिव रहें. एक्सरसाइज़ व योगा करें. आप भले ही कितना भी हेल्दी खा लें पर जब तक शरीर कोक्रियाशील नहीं रखेंगे तब तक कहीं न कहीं कोई कमी रह ही जाएगी. रोज़ाना कम से कम आधा घंटा कसरत करें. जॉगिंग और वॉकिंग करें.लिफ़्ट की बजाए सीढ़ियों का इस्तेमाल करें. यह रूटीन आपकी मांसपेशियों को लचीला बनाएगा और पाचन कोबेहतर. ध्यान और योगा भी कर सकते हैं. मेडिटेशन से ब्रेन में हैप्पी हार्मोंस रिलीज़ होते हैं और एक नई ऊर्जा का एहसासहोता है.ध्यान रहे फ़िज़िकल एक्टिविटी की कमी से क़ब्ज़ जैसी समस्या हो सकती है. हेल्दी खाना खायें. अपने दिन की शुरुआत पोषण भरे नाश्ते से करें. भले ही लंच ठीक से ना करें लेकिन नाश्ता अच्छी तरह और हेल्दी करेंगे तो फ़ैट्स से बचेंगे.रिसर्च बताते हैं कि जो लोग नाश्ता करते हैं उनका एनर्जी लेवल अधिक होता है और वो दिनभर ऐक्टिव बने रहते हैं.जंक फूड से बचें. हेल्दी खाना खाएँ. मंचिंग के लिए भी हेल्दी ऑप्शन पर ध्यान दें. फ़्राइड सनैक्स की बजाए ड्राई फ़्रूट्स, बेक्ड फ़ूड रखें.स्ट्रेस ना लें, क्योंकि तनाव पूरे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. इस से गैस, ऐसिडिटी, क़ब्ज़ जैसी समस्या होसकती है.स्ट्रेस के कारण पेट में रक्त व ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है जिससे पेट में ऐंठन, जलन जैसी समस्या होनेलगती है, साथ ही पेट में मैजूद हेल्दी बैक्टीरिया में भी असंतुलन आने लगता है. शराब व कैफेन का सेवन कम करें क्योंकि यह भीतर से शरीर को ड्राई और डीहाईड्रेट करते हैं.अपने भोजन में साबूत अनाज, गाजर, ब्रोकोली, नट्स, मकई, बींस, ओट्स, दालें व छिलके सहित आलू को शामिलकरें.मौसमी फल खाएँ और अपने खाने में हर रंग की फल-सब्ज़ियाँ शामिल करें.दही व छाछ का सेवन करें, क्योंकि इनमें हेल्दी बैक्टीरिया होते हैं जो पेट और आँतों को स्वस्थ रखते हैं.पनीर का सेवन करें क्योंकि यह वज़न को भी नियंत्रित रखने में कारगर है.हफ़्ते में एक या दो दिन अपनी क्रेविंग्स के लिए रखें. मनपसंद कुछ खाएँ क्योंकि अगर आप बहुत ज़्यादा स्ट्रिक्टडायट करते हो तो बहुत ज़्यादा समय तक उसको फ़ॉलो कर पाना बेहद मुश्किल है.हेल्दी सूप को अपने डायट का हिस्सा बनाएँ. किचन में मौजूद मसाले भी बहुत हेल्दी होते हैं , काली मिर्च, दालचीनी, लौंग, इलाइची,धनिया आदि को खाने में शामिल करें. अगर गले में ख़राश या सिर में दर्द हो तो चटकीभर दालचीनी पाउडर को पानी के साथ लें. यही नहीं दालचीनी वज़नभी कम करती है. इसे सलाद या दही में मिलाकर ले सकते हैं. यह मुँहासों को भी कम करता है. दालचीनी पाउडर कोपानी में मिलाकर पेस्ट तैयार करें और अप्लाई करें.अगर कफ़ की समस्या हो तो सरसों के तेल में लहसुन और सेंधा नमक मिलाकर गुनगुना करें और सीने पर मालिशकरें.वज़न को नियंत्रण में रखें क्योंकि बढ़ता वज़न कई बीमारियों को जन्म देता है. हार्ट से लेकर ब्लड प्रेशर औरडायबिटीज़ तक जैसी समस्याएँ बढ़ते वज़न के कारण हो सकती हैं.वज़न कम करने के लिए छोटे गोल्स सेट करें और धैर्य ना खोएँ.वज़न कम करने में नींबू और शहद बेहद कारगर हैं. गुनगुने पानी में रोज़ सुबह खाली पेट सेवन करें.स्पोर्ट्स, स्विमिंग या डांस क्लास से जुड़ सकते हैं.अपने शौक़ को ज़रूर पूरा करें, उन्हें मरने ना दें, क्योंकि यही शौक़ आपको जीवंत बनाए रखते हैं.पर्सनल हाइजीन से लेकर ओरल हाइजीन तक के महत्व को समझें और उनपर ध्यान भी दें. हेल्दी सोशल लाइफ़ मेंटेन करें, क्योंकि इससे आपको अकेलापन और डिप्रेशन नहीं होगा. लोगों की मदद करें यहआपको बेहतर महसूस कराएगा.पार्टी करें, दोस्तों से मिलें और रिश्तों में इंवेस्ट करें.धोखा ना दें क्योंकि यह आपमें अपराधबोध की भावना को जन्म देगा और आप भीतर से अनहेल्दी मेहसूस करेंगे.ज़िम्मेदारी लेना सीखें, यह आपमें आत्मविश्वास बढ़ाएगा.नींद पूरी लें, यह आदत आपको कई तरह के तनावों से बचाएगी और साथ ही दिनभर ऊर्जावान रखेगी. साथ ही यहडिप्रेशन जैसी नकारात्मक भावनाओं से भी आपका बचाव करती है.ओवर ईटिंग और ओवर स्लीपिंग से भी बचें, ये आपको अनहेल्दी बनाती हैं.बहुत ज़्यादा टीवी ना देखें, यह आपको आलसी और इनएक्टिव तो बनाएगा ही साथ ही रिसर्च बताते हैं कि ज़्यादाटीवी देखने वालों की लाइफ़ कम होती जाती है. इसी तरह मोबाइल और बहुत ज़्यादा सोशल साइट्स पर भी ना बने रहें. ये आपके रिश्तों की सेहत के लिएहानिकारक है जिसका असर आपने शरीर पर भी पड़ता है.कुकिंग थेरेपी आज़माएँ. रिसर्च के अनुसार जब आप खुद खाना बनाते हैं तो स्ट्रेस कम होता है, आप बेहतर महसूसकरते हैं, क्रिएटिव बनते हैं और हेल्दी रहते हैं.नए दोस्त बनाएँ और हो सके तो पेट्स रखें. ये आपको खुश और हेल्दी रखने में मदद करते हैं.खुश होने का मौक़ा ना छोड़ें. बड़ी चीज़ों की बजाए छोटी छोटी चीज़ों में ख़ुशियाँ देखें. यह आपको सकारात्मकबनाती है और मन के संतोष को दूर करती हैं.ये तमाम बातें आपको पहले से ही पता होती हैं लेकिन कमी सिर्फ़ जज़्बे की होती है. बेहतर होगा बिना देर किएआज से ही हेल्दी लाइफ़ के इन सीक्रेट और सूत्रोंको अमल में लाया जाए. सरस्वती शर्मा यह भी पढ़ें: हेल्थ अलर्ट- मास्क पहनते समय इन…
अधिकांश महिलाओं के लिए पीरियड्स एक बेहद दर्दनाक अनुभव होता है, उन्हें इतना दर्द होता है कि पीरियड्स को लेकर…
नीम के ओषधीय गुण हम सभी जानते हैं. यही वजह है कि अब नीम को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की दिशा में कामकिया जा रहा है. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (AIIA) ने निसर्ग हर्ब्स कंपनी के साथ मिलकर एक समझौता किया है. अब ये दोनोंसंस्थाएं मिलकर ये परीक्षण करेंगी कि नीम कोरोना वायरस से लड़ने में कितना कारगर है और उसके ज़रिए कोरोनासंक्रमण से किस हद तक लड़ा जा सकता है. ये परीक्षण फरीदाबाद के ESIC अस्पताल में किया जाएगा. इस परीक्षण का नेतृत्व AIIA की निदेशक डॉ. तनुजा नेसारीकरेंगी. वो इस परीक्षण की मुख्य परीक्षणकर्ता हैं. इस परीक्षण में डॉ. तनुजा के साथ साथ ESIC अस्पताल के डॉ. असीमसेन भी होंगे. इस पूरे परीक्षण के कुल 6 डॉक्टर्स की टीम बनाई गई है. ये टीम 250 लोगों पर रिसर्च करेगी कि नीम आख़िर किस हद तक कोरोना को रोकने में कारगर होगा. यह प्रयोग 28 दिनों तक चलेगा. इसमें आधे लोगों को निसर्ग का नीम कैप्सूल दिया जाएगा और बाक़ी को प्लेसिबो. इस दौरान ट्रायल में शामिल लोगों के नाक एवं मुंह से सैंपल लेकर कोरोना जांच की जाएगी. अगर कोईपाजिटिव पाया जाता है, तो संबंधित व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस के प्रभाव की जांच की जाएगी.…
जन्म के बाद से पांच वर्ष की उम्र तक का समय बच्चे की परवरिश की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण…