Kavay

काव्य- मैं और वो… (Kavay- Main Aur Woh…)

मैं लंबा हो रहा था वो ठिगनी ही रह गई मैं ज़हीन बन रहा था वो झल्ली ही रह गई…

June 13, 2022

काव्य- अपने-अपने क्षितिज… (Kavay- Apne-Apne Kshitij…)

तुमने मुझे लिखा मैंने तुमको आपस में कविताएं बदलकर भी हम स्वयं को पढ़ सकते हैं अधूरे तुम भी रहे…

April 12, 2022

विश्व कविता दिवस पर विशेष: कविता- मैं अपने हर अनकहे चुप के, नये आकार लिखती हूं… (World Poetry Day: Kavita- Main Apne Har Ankahe Chup Ke, Naye Aakar Likhti Hun…)

कभी तेरा-कभी मेरा, मैं दिल का हाल लिखती हूं कहूं कैसे कि बहाने से, मैं मन बेहाल लिखती हूं गढ़ती…

March 21, 2022

ग़ज़ल- इक दुआ बनती गई मेरे लिए… (Gazal- Ek Dua Banti Gai Mere Liye…)

काग़जी फूलों की हैं यह बस्तियां ढूंढ़ते फिरते हैं बच्चे तितलियां और बढ़ती जा रही हैं लौ मेरी तेज़ जितनी…

March 3, 2022

कविता- अपनी सी दुनिया… (Poetry- Apni Si Duniya…)

अब भी आती होगी गौरैया चोंच में तिनके दबाए बरामदे की जाली से अंदर तार पर सूख रहे कपड़ों पर…

December 22, 2021

काव्य- कविता लिखने चला हूं… (Poem- Kavita Likhne Chala Hun…)

सुनो आज मुझे मुझे बेहद ख़ूबसूरत शब्द देना जैसे गुलाब चेहरे के लिए झील आंखों के लिए हंस के पंख…

December 11, 2021

काव्य- उड़ने वाली स्त्रियां… (Poetry- Udne Wali Striyan…)

बातों में बेखटकी है हंसने में बेफ़िक्री है पंख फैलना आता है हवा से हाथ मिलना भाता है पंछी की…

December 4, 2021

कविता- सुबह होते ही बंट जाता हूं मैं… (Poetry- Subah Hote Hi Bant Jata Hun Main…)

सुबह होते ही बंट जाता हूं ढेर सारे हिस्सों में नैतिकता का हिस्सा सर्वाधिक तंग करता है मुझे जो मेरी…

December 2, 2021

काव्य- दिवाली पर जब परिवार जुड़ेंगे… (Kavay- Diwali Par Jab Parivar Judenge…)

श्रद्धा के सुमनों से सजी, पूजा की थाली मुबारक धनतेरस और दूज सहित, सबको दिवाली मुबारक खट्टी-मीठी बहस के बीच,…

November 6, 2021

कविता- सिर्फ़ लिखी थी एक कविता, खाली लिफ़ाफ़ों से क्या कहूं… (Poetry- Sirf Likhi Thi Ek Kavita, Khali Lifafon Se Kya Kahoon…)

सुबहों को व्यस्त ही रखा, दुपहरियां थकी-थकी सी रही कुछ जो न कह सकी, इन उदास शामों से क्या कहूं..…

June 9, 2021

कविता- सुनो दोस्तों!.. (Poetry- Suno Dosto!..)

सुनो दोस्तों, तुम घबराना मत.. जल्दी ही हम फिर मिलेंगे जो साथी छूट गए उनकी बातें याद करेंगे कभी हंस…

May 6, 2021

काव्य- प्रेम युद्ध और मेरी मांग… (Poem- Prem Yudh Aur Meri Mang…)

हे प्रभु जब मैं तुमसे प्रेम मांगता था तब तुमने जीवन के संघर्ष के रूप में मुझे युद्ध प्रदान किया…

March 21, 2021
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