सदी के महानायक और बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन बीते कई सालों से बिना थके, बिना रुके इंडस्ट्री में लगातार…
विक्की कौशल इन दिनों अपनी अपकमिंग फ़िल्म द ग्रेट इंडियन फ़ैमिली को प्रमोट करने में जुटे हैं. इस फ़िल्म में…
बिग बी अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और अपनी पोस्ट्स के जरिए फैंस और…
बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) आज यानि 11 अक्टूबर 2022 को अपना 80वां (Amitabh Bachchan Birthday) बर्थडे सेलिब्रेट…
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) बॉलीवुड इंडस्ट्री के एकमात्र ऐसे एक्टर हैं, जो बिना रुके, बिना थके लगातार…
बिग बी अमिताभ बच्चन अक्सर अपना 79वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर बहुत ज़्यादा एक्टिव रहनेवाले अमिताभ…
टीवी इंडस्ट्री का पॉप्युलर शो 'कौन बनेगा करोड़पति' वैसे तो हमेशा ही काफी दिलचस्प होता है, लेकिन खासकर शुक्रवार के…
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन द्वारा होस्ट किए जा रहे क्विज शो 'कौन बनेगा करोड़पति 13' को दर्शक खूब पसंद…
सदी के महानायक और बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन द्वारा होस्ट किया जाने वाले क्विज़ शो 'कौन बनेगा करोड़पति 13'…
कभी अंधे रास्तों पर चलते-चलते ख़ुद ही अपनी रोशनी तलाश कर लेना… कभी ठोकरों के बीच ख़ुद संभलकर अपनीमंज़िल को पा लेना… ज़िंदगी की तपती धूप के बीच सूरज को ही हथेली में कैद कर लेना, तो कभी चुभती चांदनी कोदामन में समेटकर दूसरों के जीवन को रोशन कर देना… जहां ख़ुद का रास्ता बेहद कठिन हो, वहां मासूम-सी, नासमझ उम्र में दूसरों की राहें न स़िर्फ आसान बनाने का जज़्बा रखना, बल्कि उन्हें नई मंज़िलों तक पहुंचाने कासंकल्प लेना साधारण बात नहीं है… यही वजह है कि साधारण-सी नज़र आनेवाली फ़ातिमा ख़ातून (Fatima Khatoon) ने बेहद असाधारण काम किया है अपने जीवन में… जिस्मफ़रोशी के दलदल से ख़ुद निकलकर दूसरों के जीवन कोसंवारना बेहद कठिन है… लेकिन नामुमकिन नहीं… यह साबित कर दिखाया है फ़ातिमा ने. मासूम उम्र में दिखाए बड़े हौसले… “नौ वर्ष की मासूम उम्र में तीन गुना अधिक उम्र के व्यक्ति से शादी और कुछ ही समय बाद इस बात का एहसास होना कियह दरअसल शादी थी ही नहीं, यह तो सीधे-सीधे जिस्मफ़रोशी थी… दरअसल, शादी के नाम पर ख़रीद-फ़रोख़्त कीशिकार हुई थी मैं. जब तक कुछ समझ पाती, तब तक मैं इस चक्रव्यूह में फंस चुकी थी. धीरे-धीरे समझने लगी कि मेरेपति और सास असल में वेश्यालय चलाते हैं.” बिहार की रहनेवाली फ़ातिमा अपने आप में हिम्मत व हौसले की बड़ी मिसाल हैं. उनके इसी जज़्बे को सलाम करते हुएहमने उनसे उनके संघर्षपूर्ण जीवन की चुनौतियों पर बात की. अपने संघर्ष के बारे में वो आगे कहती हैं, “मैं अक्सर देखती थी कि लड़कियां व महिलाएं यहां बहुत सज-धजकर रहती थीं. बचपन में ज़्यादा समझ नहीं पाती थी, लेकिन धीरे-धीरे मुझे एहसास हो गया कि यहां सब कुछ ठीक नहीं है. अपनी साससे पूछने पर मुझे यही कहा जाता कि मैं अभी छोटी हूं. ये सब समझने के लिए और मुझे अपने काम से काम रखना चाहिए. समय बीत रहा था कि इस बीच मेरी बात वहां एक लड़की से होने लगी, जिससे मुझे पता चला कि उस लड़की को औरवहां रह रही अन्य लड़कियों से भी ज़बर्दस्ती वेश्यावृत्ति करवाई जाती है. जब मैं 12 साल की थी, तब मुझे एक रोज़ मौक़ामिला. मेरा परिवार एक शादी में गया हुआ था और मैंने वहां से 4 लड़कियों को आज़ाद करवाने में मदद की. उसके बादमुझे काफ़ी मारा-पीटा गया. कमरे में बंद करके रखा गया. खाना नहीं दिया गया.” इतनी कम उम्र में इतना हौसला? क्या कभी डर नहीं लगा? “कहते हैं ना कि एक स्तर पर आकर डर भी दम तोड़ देता है. मेरे साथ भी यही हुआ. रोज़ इतना अत्याचार और मार खाते-खाते मेरा सारा डर ही ख़त्म हो चुका था. मार-पीट के डर ने मेरे हौसले कम नहीं होने दिए. मैंने भी सोच लिया था कि वैसे भी एक रोज़ तो मरना ही है, तो क्यों न कुछ बेहतर काम करके मरें. 12 साल की उम्र में ही मैंमां बन चुकी थी. अक्सर मुझे मेरी बेटी के नाम पर इमोशनली ब्लैकमेल किया जाता कि अगर मैं चुप न रही, तो मेरी बेटीको मार दिया जाएगा. लेकिन मैंने भी यह सोच लिया था कि एक बेटी को बचाने के बदले में बहुत-सी बेटियों की कुर्बानीदेना कितना सही होगा? ‘अपने आप’ नामक एनजीओ से जुड़ने के बाद मुझे हौसला मिला, जिससे मेरी लड़ाई को भी बलमिला कि कैसे एक लड़की रोज़ इन लड़कियों को मरते हुए देख सकती है? मेरे घरवालों तक जब यह बात पहुंची, तो वो भी बीच-बीच में आते थे, लेकिन मुझे वापस घर ले जाने को वो भी तैयार नहीं थे. इसी बीच समय गुज़रता गया, मेरी उम्र बढ़ रही थी, मेरी हिम्मत भी बढ़ गई थी. मेरी सास ने मेरी ही एक दोस्त, जो वहींकाम करनेवाली एक सेक्स वर्कर की बेटी थी, को ज़बर्दस्ती जिस्मफ़रोशी में शामिल करने की कोशिश की. यह जानने केबाद मैं काफ़ी ग़ुस्से में थी और मैंने अपनी सास को लकड़ी से पीट डाला. उसके बाद तो मैं खुलेआम उन सबका विरोधकरने लगी. साल 2004 में मुझे एक बहुत बड़ा सपोर्ट मिला, जब एनजीओ ‘अपने आप’ से मेरा संपर्क हुआ और मैंने वो जॉइन कर लिया.” आपके मन में कोई शिकायत, कोई सवाल या किसी भी तरह की भावनाएं, जज़्बात… जो आप कहना चाहती हों लोगोंसे? “बहुत कुछ है मन में……
बॉलीवुड के शहंशाह और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन जल्द ही 'कौन बनेगा करोड़पति' के नए सीज़न के साथ छोटे…
अमिताभ बच्चन ने कौन बनेगा करोड़पति सीजन 12 के आखिरी एपिसोड की शूटिंग तो पूरी कर ली लेकिन साथ ही…