poetry

काव्य- प्रेम का समर्पण (Poetry- Prem Ka Samarpan)

मनौती के धागे नहीं  धूपदीपपुष्प भी नहीं कुछ पाने की प्रार्थना नहींआरतीपाठ मंत्र भी नहीं सुवासित जल भी नहीं रोली अक्षत चंदन भी नहींप्रेम के मंदिरमें तुम रीते…

July 2, 2023

अपने-अपने क्षितिज… (Poem- Apne Apne Kshitij…)

तुमने मुझे लिखामैंने तुमकोआपस में कविताएं बदलकर भीहम स्वयं को पढ़ सकते हैं अधूरे तुम भी रहेपूरा मैं भी कहां…

June 6, 2023

काव्य- कुछ बूंदें (Poem- Kuch Bunaden)

मेरी पलकों पर कुछ बूंदें टिकी हैं क्या गुज़रे हुए लम्हों से गुज़र रहा हूंकहीं ऐसा तो नहीं अपनी ज़िंदगी में ख़ुद के…

May 20, 2023

कविता- दूरियां (Poetry- Dooriyan)

दूरियां दिलों में थींऔर हम उसे आंसुओं में ढालते रहेनफ़रतें काग़ज़ी थींऔर हम दिल में पालते रहे ख़्वाब नींद में थेऔर हम…

May 3, 2023

कविता- दूर पर साथ साथ… (Poetry- Dur Par Sath Sath…)

भोर के सफ़ेद मखमली कोहरे मेंहम एक साथ खड़े थेयह सत्य अंकित है मेरे स्मृति पटल परज्यों पाषाण पर खुदाकोई…

April 8, 2023

काव्य- पगडंडियाँ (Poetry- Pagdandiyan)

पगडंडियाँ कभी झूठ नहीं बोलतीं निश्चित रूप से गन्तव्य तक पहुँचाती है अनुभवी लोगों का पदचिह्न होती हैं वह विजेताओं…

April 2, 2023

विश्व कविता दिवस पर विशेष: कविता- चक्रव्यूह (World Poetry Day: Poem- Chakravyuh)

यह युद्ध की ललकार तो नहीं थी फिर क्यों? तुम्हारे अदृश्य चक्रव्यूह की दुरूह रचना में मैं स्वयं ही चली…

March 21, 2023

कविता- बिछोह की शर्त लिए… (Poetry- Bichooh Ki Shart Liye…)

मेरा उससे वादा था कि जब सूरज और सागर का मिलन होगा और रक्ताभ हो उठेंगे सूरज के गाल तो…

March 16, 2023

कविता- होली (Poetry- Holi)

बदली के घूंघट को तोड़, धूप सखी इठलाकर बोली अब तो मैं मुँह दिखलाऊंगी ही, आने को है होली बिन…

March 6, 2023

ग़ज़ल- ज़िंदगी सी.. एक ज़िंदगी बाकी रहे… (Gazal- Zindagi Si.. Ek Zindagi Baki Rahe…)

कह दिया सब नई बात को बहाना कोई बाकी रहे चाहती हूं कि मेरी चाहतों में चाहना तेरा बाकी रहे…

February 18, 2023

काव्य- क्या नाम दूं इस कशिश को मैं… (Poetry- Kya Naam Doon Iss Kashish Ko Main…)

पानी-पानी समां है, बूंदों सा बिखर जाना एक तेरा छा जाना, एक मेरा बरस जाना बस एक यही तो मौसम…

February 11, 2023

कविता- हर बार मेरा आंचल तुम बनो… (Poetry- Har Baar Mera Aanchal Tum Bano…)

हूं बूंद या बदली या चाहे पतंग आसमान तुम बनो हूं ग़ज़ल या कविता या कोई छंद अल्फ़ाज़ तुम बनो…

February 3, 2023
© Merisaheli