“सुबह का भूला? सुबह और शाम के बीच पंद्रह वर्षों का अंतराल नहीं होता मां. उस अंतराल की वेदना, उसकी…
मुझे रह-रहकर रोना आ रहा था. आंसुओं से धुंधलाई आंखों से मैंने उस कमरे का मुआयना किया. व्हीलचेयर, कैनवास, रंग,…
यह सच था कि कावेरी को कभी भौतिक सुख-सुविधा के साधन और अर्थ की ज़्यादा कमी नहीं हुई, पर प्यार…
उसने चोर दृष्टि से उन्हें देखा. उनकी निष्पाप दृष्टि को देख उसे अपनी भूल का एहसास हुआ. उनके चेहरे पर…
“बेटे अपने फ़र्ज़ से विमुख हो जाएं, तो क्या किया जाए? माता-पिता को यूं ही छोड़ दिया जाए, बेसहारा तिल-तिल…
रोटी के भूख की तो फिर भी सीमा है, कोई दो, तो कोई चार खा लेगा… बहुत हुआ तो आठ-दस,…
"तुम किसी और को चाहते रहो और मैं इसे अपना भाग्य, असल में दुर्भाग्य मानकर चुपचाप स्वीकार कर लूं, यह…
मालीराम ने हिम्मत नहीं हारी. वो ठहरा ठेट देहाती, सीधा-साधा इंसान. वह सोच रहा था कि दिल्ली आकर भी अगर…
“केतन स्वार्थी था… वो जानता था… यामिनी के साथ उसका रिश्ता ज़्यादा दिन तक नहीं निभेगा, इसलिए तुम्हें थाम के…
ऐना नेहा को टोकना चाह रही थी कि वह अनजाने में अंकल को पापा बोल बैठी है. पर नेहा तो…