"नहीं! आज सिर्फ़ तुम और मैं और कोई नहीं, कोई भी नहीं." यह कहते हुए मैंने अपनी हथेलियां शेखर की…
"ठीक है पारूल, तुझे ठीक लगता है तो तू जा… बस मेरी एक बात मान ले, मेरा फोन नंबर स्पीड…
वह बिल्कुल वैसी की वैसी थी, जैसा मैंने उसे अपने ख़्यालों में रखा था. शायद सच ही कहते हैं लोग…
पानी-पानी समां है, बूंदों सा बिखर जाना एक तेरा छा जाना, एक मेरा बरस जाना बस एक यही तो मौसम…
"नहीं दीदी. सिर्फ़ बर्थडे थी, इसलिए नहीं… हम हमेशा से ही पापा को ग़लत समझते रहे, उन्हें हिटलर कहते रहे.…
"केवल मांजी ही नहीं बदल रही थीं. उनके प्रति मेरा सम्मान भी कब दिखावटी से सच्चा होता चला गया ख़ुद…
"अरे, आज तो मुझसे कोई डर ही नहीं रहा?" अब तो बादल का ग़ुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा. वह…
डॉ. गौरव यादव जल्द ही एक चेहरा शॉल में लिपटा हुआ मेरे क़रीब आता नज़र आया. मैंने हाथ बढ़ाकर उसे…
हूं बूंद या बदली या चाहे पतंग आसमान तुम बनो हूं ग़ज़ल या कविता या कोई छंद अल्फ़ाज़ तुम बनो…
उस दिन देर रात जब मैं शादी से लौट रही थी, मुझे यही लग रहा था कि जीवन में लिया…