एक बहुत विशाल पेड़ था. उस पर वहुत सारे हंस रहते थे. उनमें एक बहुत स्याना हंस था, बुद्धिमान और…
‘कितनी स्वार्थी सोच है! पहले लोग भावुक थे, रिश्ते निभाते थे, फिर प्रैक्टिकल हुए, रिश्तों से फ़ायदा उठाने लगे. अब…
“सुन, लड़का जब किचन में घुसने लगे, वहां के कामकाज में दिलचस्पी लेने लगे, तो समझ लेना उसका कोई…
“परिवार के लिए बहुत समझदारी, सामंजस्य, सहिष्णुता, समर्पण और आपसी तालमेल की ज़रूरत होती है. छोटी-छोटी बातों पर तक़रार करना,…
“मैं सेवानिवृत्त शिक्षक हूं. शिक्षा देने की आदत अब भी नहीं छूटी है. बुरा न मानें, एक बात कहना चाहता…
ऐसा नहीं था कि इससे पहले उसकी ज़िंदगी में पुरुष नहीं आए थे, पर वे दोस्त ही रहे. उनके प्रति…
1. कांवड़िया (Kanvadiya), 2. दो कप चाय (Do cup chai), 3. एमिली (Emily) कांवड़िया माया के कंधों का भार हल्का…
हम समझते हैं, अपने रिश्तों के प्रति जो आस्था और उन्हें निभाने की परंपरा भारतीय संस्कृति में है, वह अन्यत्र…
मैं सोच रही थी, हम स्त्रियां ही स्त्रियों की बात क्यों नहीं समझ पातीं? क्यों एक-दूसरे के प्रति इतनी असंवेदनशील…
माया के कंधों का भार हल्का हो गया था, पर उसे लगा कि वसीम उसके कंधों पर आ बैठा है.…