सामने दलिया या
खिचड़ी के आते ही
तलाशने लगती
उसकी सूखी आंखें
अचार के किसी मर्तबान
या स्टोर रूम के कोने में
रखे पापड़ों के डिब्बे को
बेरंग और बेस्वाद
उबला हुआ वो खाना
उतरता नही गले से
उसके
पर उम्र की दरकार है
हजम नही कर पातीं
उसकी बूढ़ी हड्डियां
अब तले फले गरिष्ठ
भोजन को
एक समय तरह तरह के
स्वादिष्ट व्यंजन बनाती
और उतने ही प्रेम से
सबको खिलाती
बरस बीते वो मां अब
बूढ़ी हो गई
उसकी पसंद नापसंद
सूखे पत्ते सी
ढह गई
कांपते हाथों से
कुछ निवाले खाकर
धीरे से परे अपनी
थाली सरका कर
कहती है अब बस
पेट भर गया है
तभी उन आंखों का
मौन मुखर हो उठता है
मन अभी अतृप्त है
ये पता चलता है…
– पूनम पाठक
यह भी पढ़े: Shayeri
Photo Courtesy: Freepik
सांत्वना सिसक पड़ी. एक पल को चुप रह कर अविनाश ने कहा, "सांत्वना, आज से…
फिल्म 'मिसेज' (Movie Mrs) में सान्या मल्होत्रा (Sanya Malhotra)के ससुर बने एक्टर कंवलजीत सिंह (Kanwaljit…
‘कांटा लगा’ गर्ल शेफाली जरीवाला (Kaanta Laga Girl Shefali Jariwala) अब इस दुनिया में (Shefali…
बोनी कपूर (Boney Kapoor) की बेटी और अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) की बहन अंशुला कपूर…
कॉमेडी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में दयाबेन का मुख्य किरदार निभाने वाली दिशा…
रिश्ते चाहे जन्म के हों या हमारे द्वारा बनाए गए, उनका मक़सद तो यही होता…