कविता- शक्ति स्त्री की (Poetry- Shakti Stri Ki)

स्त्री शक्ति का अवतार है
वो प्रेम, ममता, वात्सलय
और स्नेह से मालामाल है
जगत को जीवन देने वाली
वो इस सृष्टि की पालनहार है
हर कर्तव्य पथ पर अडिग चलते जाना
कहे कुछ बिना बहुत कुछ कर जाना
हर परेशानी का मुस्कुराते हुए
सामना करते जाना
ये सब उसके संस्कार हैं
वो समाज का भविष्य बनाने वाली
हर परिस्थिति को अच्छे से संभालने वाली
वो निराकार ईश्वर का आकार है
त्याग की मूरत कहलाती
अपना सुख परिवार पर लुटाती
सबके लिए ख़ुद को भूल जाती
वो मानव जाति के लिए उपकार है…

– रिंकी श्रीवास्तव

Photo Courtesy: Freepik

यह भी पढ़े: Shayeri

Usha Gupta

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