घर के कामों से वज़न घटाएं * पोंछा लगाते समय 30 मिनट में 145 कैलोरी खर्च होती है जो ट्रेडमिल पर 15 मिनट दौड़ने के…
घर के कामों से वज़न घटाएं
* पोंछा लगाते समय 30 मिनट में 145 कैलोरी खर्च होती है जो ट्रेडमिल पर 15 मिनट दौड़ने के बराबर है.
* कपड़े धोते समय 60 मिनट में 85 कैलोरी बर्न होती है जो 100 सिटअप करने के बराबर है.
* खाना बनाते समय 60 मिनट में 150 कैलोरी खर्च होती है जो 15 मिनट एरोबिक्स करने के बराबर है.
* डस्टिंग करते समय 30 मिनट में 180 कैलोरी खर्च होती है जो 15 मिनट तक साइकिल चलाने के बराबर है.
* गार्डनिंग करते समय 60 मिनट में 250 कैलोरी बर्न होती है जो 25 मिनट सीढ़ी चढ़ने-उतरने के बराबर है.
* बिस्तर लगाते समय 15 मिनट में 66 कैलोरी बर्न होती है जो डेढ़ कि.मी. पैदल चलने के बराबर है.
जानें वज़न बढ़ने की वजहें
वज़न बढ़ने की वजहें कई हैं, लेकिन व़क्त रहते यदि मोटापे पर कंट्रोल नहीं किया गया, तो कई हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं इसलिए सबसे पहले वज़न बढ़ने की वजहों को जानना ज़रूरी है.
लाइफ स्टाइल
आधुनिक जीवनशैली ने सुख-सुविधाएं तो बहुत दी हैं, लेकिन उन सुविधाओं का लाभ उठाते हुए लोग शारीरिक श्रम करना ही भूल गए हैं. थोड़ी दूर भी जाना हो तो गाड़ी से ही जाएंगे, पहली मंज़िल पर जाने के लिए भी लिफ्ट का इस्तेमाल करेंगे, दिनभर एसी रूम में आरामकुर्सी से चिपके रहेंगे… लोगों की इन आरामपसंद आदतों ने उन्हें बड़ी-बड़ी बीमारियां दे दी हैं.
आसान है समाधान
बिज़ी दिनचर्या में भी समय निकालकर फिज़िकल एक्सरसाइज़ करना बहुत ज़रूरी है. सही डायट और एक्सरसाइज़ से फिट रहना मुश्किल काम नहीं है. अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव लाकर कोई भी फिट और हेल्दी रह सकता है.
जंक फूड
जंक फूड हमारी ज़िंदगी में इस क़दर शामिल हो गया है कि इसके बिना हम किसी भी सेलिब्रेशन की कल्पना भी नहीं कर सकते और जंक फूड की यही लत मोटापा बढ़ा देती है. बड़े ही नहीं बच्चे भी जंक फूड के आदी हो गए हैं. बड़ों की देखादेखी में अक्सर बच्चे भी पिज़्ज़ा, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक आदि जंक फूड की डिमांड करने लगते हैं.
आसान है समाधान
आज के दौर में जंक फूड से पूरी तरह बचना तो मुमकिन नहीं, लेकिन उनमें भी हेल्दी ऑप्शन अपनाए जा सकते हैं. साथ ही जंक फूड के लिए हफ्ते या महीने में एक-दो दिन फिक्स कर लें और स़िर्फ उसी समय जंक फूड खाएं.
समय की कमी
महानगरों में ज़्यादातर पति-पत्नी दोनों नौकरीपेशा होते हैं, ऐसे में समय की कमी के कारण वो रेडी टु ईट खाने को प्राथमिकता देते हैं. समय के अभाव ने फास्ट फूड और दो मिनट में बन जाने वाली चीज़ों की डिमांड बढ़ा दी है और इन्हीं चीज़ों से मोटापा बढ़ने लगता है.
आसान है समाधान
कम समय में हेल्दी खाना बनाया जा सकता है जैसे- सूप, सलाद, ओट्स, दलिया आदि. वर्किंग कपल थोड़ी-सी प्लानिंग करके हेल्दी डायट अपना सकते हैं.
स्ट्रेस
जी हां, तनाव भी वज़न बढ़ने की एक बड़ी वजह है. तनाव में अक्सर हम ज़्यादा खाते हैं और तनाव के समय मीठा खाने का मन करता है, जिससे मोठापा ज़्यादा बढ़ता है.
आसान है समाधान
जब भी लगे कि आप तनाव महसूस कर रही हैं, तो एक ग्लास पानी पी लें. साथ ही तनावमुक्त होने के लिए एक्सरसाइज़ करें, जैसे- गहसी सांसें लें, मसल रिलैक्शेसन तकनीक अपनाएं या कोई जोक बुक पढ़ें.
नींद की कमी
रात में देर से सोने और सुबह जल्दी उठ जाने से भी मोटापा बढ़ता है. ऐसा करने से रात में खाया हुआ खाना पच नहीं पाता. साथ ही इंसोम्निया (अनिद्रा), डिप्रेशन आदि के शिकार भी हो सकते हैं.
आसान है समाधान
अपना हर काम समय पर पूरा करने की कोशिश करें ताकि आप समय पर सो सकें और पर्याप्त नींद ले सकें. रोज़ाना 7-8 घंटे की नींद बेहद ज़रूरी है.
खाने का शौक
खाने के शौकीन लोग अक्सर भरे-पूरे शरीर वाले होते हैं, क्योंकि उनका खाने पर कोई कंट्रोल नहीं होता. फिर आगे चलकर खाने का ये शौक उन्हें इतना भारी पड़ता है कि उन्हें कई हेल्थ प्रॉब्लम्स होने लगती हैं.
आसान है समाधान
खाने का शौक होना अच्छी बात है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि जब जो जी में आया खा लिया. यदि आप खाने की शौकीन हैं और अक्सर ज़रूरत से ज़्यादा खा लेती हैं, तो अपने शौक की भरपाई एक्सरसाइज़ करके करें. इससे आपका शौक भी बना रहेगा और आप फिट भी बनी रहेंगी.
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मीति और मधुर बचपन से एक ही स्कूल में पढते थे, लेकिन मधुर के पिता का अचानक निधन हो गया और उसे मीति का स्कूल छोड़ सरकारी स्कूल में दाख़िला लेना पड़ा. लेकिन आते-जाते अक्सर दोनों के रास्ते मिल ही जाते थे और उनकी नज़रें मिल जातीं, तो दोनों केचेहरे पर अनायास मुस्कुराहट आ जाती. स्कूल ख़त्म हुआ तो दोनों ने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था. दोनों उम्र की उस दहलीज़ पर खड़े थे जहां आंखों में हसीन सपने पलने लगते हैं. मधुर भी एक बेहद आकर्षक व्यक्तित्व में ढल चुका थाऔर उसके व्यक्तित्व के आकर्षण में मीति खोती जा रही थी. कई बार मधुर ने उसे आगाह भी किया था कि मीति तुम एक रईस पिता की बेटी हो, मैं तो बिल्कुल साधारण परिवार से हूं, जहां मुश्किल से गुज़र-बसर होती है, लेकिन मीति तो मधुर के प्यार में डूब चुकी थी. वहकब मधुर के ख्यालों में भी बस गई थी वह यह जान ही नहीं पाया. मीति कभी नोट्स, तो कभी असाइनमेंट के बहाने उसके पास आ जाती, फिर कभी कॉफी, तो कभी आइसक्रीम, ये सब तो उसका मधुरके साथ नज़दीकियां बढ़ाने का बहाना था. अब मीति और मधुर क़ा इश्क कॉलेज में भी किसी से छिपा नहीं रह गया था. करोड़पति परिवार की इकलौती लाडली मीति कोपूरा विश्वास था कि मध्यवर्गीय परिवार के मधुर के कैंपस सेलेक्शन के बाद वह पापा को अपने प्यार से मिलवायेगी. मल्टीनेशनल कंपनी के ऊंचे पैकेज का मेल मिलते ही मधुर ने मीति को अपनी आगोश में ले लिया ऒर वह भावुक हो उठा, ”मीति, तुम तो मेरे जीवन मेंकी चांदनी हो, जो शीतलता भी देती है और चारों ओर रोशनी की जगमगाहट भी फैला देती है. जब हंसती हो तो मेरे दिल में न जानेकितनी कलियां खिल उठती हैं. बस अब मेरी जिंदगी में आकर मेरे सपनों में रंग भर दो.” मीति मधुर के प्यार भरे शब्दों में खो गई और लजाते हुए उसने अपनी पलकें झुका लीं और मधुर ने झट से उसकी पलकों को चूम लिया था. इस मीठी-सी छुअन से उसका पोर-पोर खिल उठा. वह छुई मुई सी अपने में सिमट गई. लेकिन इसी बीच मीति के पापा ने उसकी ख्वाहिश को एक पल में नकार दिया और मधुर को इससे दूर रहने का फरमान सुना दिया. मधुर उदास पराजित-सा होकर दूर चला गया. दोनों के सतरंगी सपनों का रंग बदरंग कर दिया गया था. मधुर ने अपना फ़ोन नंबर भी बदल दिया था और अपनी परिस्थिति को समझतेहुए मीति से सारे संबंध तोड़ लिये थे. मीति के करोड़पति पापा ने धूमधाम और बाजे-गाजे के साथ उसे मिसेज़ मेहुल पोद्दार बना दिया. उसका अप्रतिम सौंदर्य पति मेहुल केलिए गर्व का विषय था. समय के साथ वह जुड़वां बच्चों की स्मार्ट मां बन गई थी. पोद्दार परिवार की बहू बड़ी-बड़ी गाड़ियों में घूमतीऔर अपने चेहरे पर खिलखिलाहट व मुस्कान का मुखौटा लगाए हुए अपने होने के एहसास और वजूद को हर क्षण तलाशती-सी रहती. उसे किसी भी रिश्ते में उस मीठी-सी छुअन का एहसास न हो पाता और वह तड़प उठती. सब कुछ होने के बाद भी वह खोई-खोई-सी…