"क्यों विनोद, चौंक क्यों गए?" "जुंग भाग गया!" "क्या? प्रोफेसर भार्गव का मुंह खुला का खुला ही रह गया. जुंग…
"बस इतनी सी बात? ऐसा करो, मेरे पास तुम्हारी समस्या का समाधान है. तुम मेरी जो कुटिया है उसमें कल…
विनीता राहुरीकर चाय का एक गरम घूंट भरते हुए मनीषा ने मुस्कुराकर मृदुल को देखा, “कोेई भी कभी परफेक्ट नहीं…
मां हंसकर बोली, "त्योहार तो सुबह से मन रहा है बिटिया. वो दान देकर मना रहे है हम दान लेकर…
लकी राजीव अमर ने कोने में खड़ी शिउली को देखा, ठीक उसी वक़्त शिउली ने भी उसको देखा… आंखों ही…
"बहू, सर्दी शुरू हो गई हैं, पर इस बार लड्डू बनाने की ज़रूरत नहीं है. तुम हर बार तरह-तरह के…
जब प्रीति की पतंग बहकने लगी, तो काकी फिर से चटकारे लेकर बोलीं, "बेटा विजय, समझो अब गई तुम्हारी पतंग.…
कुछ देर बाद जब मैं चलने लगा, तो उसने हमेशा की तरह मुझे एक फूल दिया. मैंने पूछा, “हमेशा यही…
छाया जोशीअचानक शलाकाचा फोटो, पत्रिका, बायोडेटा असलेलं पाकीट त्यांना मिळालं. शलाका फोटोत खूपच छान दिसत होती. फोटो पाहता पाहता त्यांची…
अब स्क्रीन पर ग्रह के दृश्य उभरने लगे थे. अचानक हम चौंक गए. स्क्रीन पर अनूठा दृश्य आ रहा था.…