"पता है अभिमन्यु, अक्सर लोग हमारा आज नहीं देखना चाहते, लोगों को तो केवल हमारे अतीत में दिलचस्पी होती है.…
काफ़ी अरसा बीत गया. जो बातें मैं तब न समझती, वह अब समझने लगी थी, महसूस करने लगी थी.…
मैं सोचने लगी- यह एकदम कैसा बदलाव आ गया विजय पाल में. प्रायश्चित के किस क्षण ने उनकी आंखों पर…
एक कुएं में ढेर सारे मेंढ़क रहते थे. मे़ंढकों के राजा का नाम था गंगदत्त. वह बहुत झगड़ालू स्वभाव का…
कितना भोला... कितना मासूम है मेरा कल्पेश... मम्मी तो न जाने मन से क्या-क्या सोच लेती है. यदि पापा मुझे…
अब बात मान-सम्मान और अहम् में फंस गई. जिन्हें अपने जीवन का फैसला करना था, वो अन्य लोगों के अभिमान…
बहुत समय पहले की बात है, कबूतरों का एक झुंड खाने की तलाश में आसमान में उड़ता हुआ जा रहा…
हमने जबसे होश संभाला, आपको ही देखा, आपको ही पाया. हर क़दम पर साये की तरह आपने ज़िंदगी की धूप…
मातृत्व- एक छोटा-सा शब्द, जो अपने आप में पूरा संसार समेटे है. यह एक जादुई शब्द है, एक जादुई…
बहुत समय पहले की बात हैं, एक जंगल में विशाल बरगद का पेड़ कौओं की राजधानी थी. हजारों कौए उस…