सामने फैली हरियाली को अनदेखा कर, चहचहाते पंछियों को छोड़ मेरी ढीट नज़रें बार-बार दीया पर जा कर ठहर…
Story Series मैंने गंभीरता से कहा, “हां, वो तो है, नुक़सान बहुत कराया तुमने.” मेघा एक पल ठहरकर मुझे पर्स…
मेघा मुंह छिपाकर शायद अपना रोना रोकने लगी थी और मेरे लिए वहां बैठना मुश्किल हो गया था. कैसा…
मेघा इतना बोलकर चुप हो गई थी. मैं कुछ-कुछ समझ तो रहा था, इन दोनों यानी मेघा और विनीत…
“सही बताओ, गोलू ने बीएससी कर लिया. इत्ता सा था वो? और वो जो तीन बहनें थीं कोनेवाली. क्या…
मेघा से मिलते ही लगा, जैसे मन का कोई बंद कमरा खट् से खुल गया था. कितने दिनों बाद…
अनुभा से बेइंतहां प्यार करनेवाले विभु को अपने देश से भी उतना ही प्यार था और एक फौजी ने आख़िर…
सब कुछ एक बहुत ही सुंदर सपने की तरह सहज हो रहा था. इतनी जल्दी की विभु और अनुभा को…
"तुम तो कविता करने लगे. तुम्हे तो कवि होना चाहिए था." अनुभा कहती. "वो तो तुमने बना दिया, वरना मैं…
"अच्छा बाबा अब नहीं करूंगा ऐसी बातें बस मेरी जान." उसकी पलकों को चूमते हुए विभु कहता और उसे कसकर…
सलोनी अपने पिता को लेने आई हुई थी. और बहुत देर से आंटी के पास किचन में खड़ी थी. पापा…
“सबसे बड़ा अपराधी तो मैं हूं मौसी. सदैव से श्यामली को चाहता रहा, पर कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाया.…