Kavita

गीत- दोस्ती (Poetry- Dosti)

तुम मिल जाओगी किसी गली में तो कमाल हो जाएगा मगर पता है कि आज भी इस बात पर बवाल…

December 10, 2022

काव्य- नारी (Kavay- Naari)

हे नारी! तू अबला नारी है क्यों हर युग में रही बेचारी है क्यों कभी रावण द्वारा चुराई गई फिर…

November 24, 2022

ग़ज़ल- ज़िंदगी की उलझनें… (Gazal- Zindagi Ki Uljhane…)

उलझा हूं ज़िंदगी की उलझनों में ऐसेउनको याद करने की फ़ुर्सत नहीं मिलती जो इश्क़ में करते थे जीने मरने…

November 18, 2022

कविता- शुभ दीपावली (Poetry- Shubh Deepawali)

जगमग जगमग दीप जलाओ शुभ दीपावली आई है सब मिलजुल ख़ुशी मनाओ संग कितनी ख़ुशियां लाई है पाँच दिनों का…

October 24, 2022

कविता- डर लगता है… (Poetry- Darr Lagta Hai…)

ज़िंदगी का आईना देख कर डर लगता है ऐ ज़िंदगी अब तुझे देख कर डर लगता है डर लगता है…

October 6, 2022

गीत- हे माँ कृपा इतनी करना… (Geet- Hey Maa Kripa Itni Karna…)

श्रम-निष्ठा जो हो सच्ची, माँ मेरे द्वारे तुम आना, आत्मा को तृप्त करें, वरदान मुझे वो दे जाना। युक्ति की…

October 3, 2022

गीत- अबकी नवरात्रि कुछ यूं मनाएं… (Geet- Abki Navratri Kuch Yun Manayen…)

बहुत ज़रूरी काम है ये, भाई मेरे मत झुठलाना इक बेटी की हंसी खो गई, कहीं मिले तो बतलाना ओढ़…

September 28, 2022

काव्य- एक प्याला चाय… (Poem- Ek Pyala Chai…)

चाय में घुली चीनी सी मीठी बातें बिस्कुट सी कुरकुरी आ जाती हैं होंठों पर तैरती रहती हैं कमरे में…

August 7, 2022

कविता- जब तुम कहीं नहीं हो… (Poetry- Jab Tum Kahin Nahi Ho…)

ये धड़कनें तुम्हारे आस पास ठहरीं माना कि तुम नहीं हो जब सोचता हूं अकेला तस्वीर तुम्हारी उभरी कैसे कह दूं…

July 31, 2022

काव्य- स्त्री-पुरुष (Poetry- Stri-Purush)

पुरुष खोदता है कुआं स्त्री खिंचती है पानी पुरुष डालता है बीज स्त्री सिंचती है पौधा पुरुष उगता है सूरज…

July 17, 2022

कविता- पुल… (Poetry- Pul…)

शहर के कोने पर बहती हुई उस छोटी सी जलधारा पर बना वो पुल जिस पर अनायास आमने-सामने आ गए…

July 5, 2022

काव्य- मैं और वो… (Kavay- Main Aur Woh…)

मैं लंबा हो रहा था वो ठिगनी ही रह गई मैं ज़हीन बन रहा था वो झल्ली ही रह गई…

June 13, 2022
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