पिछले तीन साल भुगत चुका हूं. अब मैं किसी को नए साल के लिए हैप्पी न्यू ईयर का अभिशाप नहीं…
‘‘दादाजी, आप गुज़रे ज़माने की चीज़ हैं. पहले घर में एक आदमी कमाता था और बाकी बैठकर खाते थे, लेकिन…
जैसे-जैसे समय बीत रहा था लाइव जुड़नेवालों की संख्या बढ़ रही थी. इसे देखकर घर में बैठे नए युग के…
घर में वक़्त पर फफूंद लगी रोटी हो या न हो, लेकिन आज के जमाने में फोन तो होना चाहिए.…
हिजाब की मथानी से मक्खन कम मट्ठा ज़्यादा निकल रहा है. जनता नौकरी, रोज़गार, शिक्षा और सुकून चाहती है, लेकिन…
आनेवाले साल को लेकर मेरे अंदर कोई जोश नहीं है (जो था कोरोना और केजरीवाल को दे चुका हूं) अन्दर…
सोशल मीडिया पर तमाम कौरव योद्धा ललकार रहे हैं, लेकिन धर्मयोद्धाओं की समझ में नहीं आ रहा है कि पक्ष…
''सिया उठो, सरगी का टाइम हो गया, मां बुला रही हैं.'' मैंने जान-बूझकर करवट ले ली. मन ही मन भगवान…
इस किचन के बाहुपाश से निकलना बड़ा ही मुश्किल है. किसी ने कहा है कि व्यक्ति के दिल का रास्ता…
अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ानेवाले हिंदी के अध्यापक बुद्धिलाल जी क्लॉस में छात्रों को शिक्षा दे रहे…
इधर हम लोगों का मकान भी बदल गया और थोड़ी दूर पर नई काॅलोनी में आ गए. उम्र भी थोड़ी…
सब्जेक्ट और माइंड दोनों सेट हैं. इसके बाद तो बुद्धि या विवेक को पास भी नहीं फटकने देते. अब योद्धा…