कभी कभीमुझे लगता हैमुझे इश्क़ का चैप्टर क्लोज़ कर देना चाहिएकि तभी तुम आ जाती होमुस्कुराते हुएमेरे सीने पर हाथ…
मनौती के धागे नहीं धूपदीपपुष्प भी नहीं कुछ पाने की प्रार्थना नहींआरतीपाठ मंत्र भी नहीं सुवासित जल भी नहीं रोली अक्षत चंदन भी नहींप्रेम के मंदिरमें तुम रीते…
तुमने मुझे लिखामैंने तुमकोआपस में कविताएं बदलकर भीहम स्वयं को पढ़ सकते हैं अधूरे तुम भी रहेपूरा मैं भी कहां…
मेरी पलकों पर कुछ बूंदें टिकी हैं क्या गुज़रे हुए लम्हों से गुज़र रहा हूंकहीं ऐसा तो नहीं अपनी ज़िंदगी में ख़ुद के…
दूरियां दिलों में थींऔर हम उसे आंसुओं में ढालते रहेनफ़रतें काग़ज़ी थींऔर हम दिल में पालते रहे ख़्वाब नींद में थेऔर हम…
भोर के सफ़ेद मखमली कोहरे मेंहम एक साथ खड़े थेयह सत्य अंकित है मेरे स्मृति पटल परज्यों पाषाण पर खुदाकोई…
मेरा उससे वादा था कि जब सूरज और सागर का मिलन होगा और रक्ताभ हो उठेंगे सूरज के गाल तो…
बदली के घूंघट को तोड़, धूप सखी इठलाकर बोली अब तो मैं मुँह दिखलाऊंगी ही, आने को है होली बिन…
कितना अजीब है ना दिसंबर और जनवरी का रिश्ता जैसे पुरानी यादों और नए वादों का क़िस्सा… दोनों काफ़ी नाज़ुक…
तुम मिल जाओगी किसी गली में तो कमाल हो जाएगा मगर पता है कि आज भी इस बात पर बवाल…
हे नारी! तू अबला नारी है क्यों हर युग में रही बेचारी है क्यों कभी रावण द्वारा चुराई गई फिर…
ढूंढे़ कोई हमें तो सिर्फ़ ठिकानों पर मिलते है ये बंजारापन देख के अब हम घर में नहीं मिलते मुझसे…