बहुत समय पहले की बात है, हिम्मतनगर नाम के एक गांव में दो मित्र रहते थे, जिनका नाम धर्मबुद्धि और…
जो कॉलेज के ज़माने में एक प्रबल नारीवादी कवियत्री हुआ करती थी… अपनी कविताओं में पुरुष वर्चस्व के ख़िलाफ़ अलख…
"आंटी, राहुल बाबा भी रोज़ सुबह दूध पीते हैं और शैंकी को दूध-रोटी देते समय मेरे मन में भी दूध…
पुलिस ने उन्हें जाने देने की विनती नहीं सुनी. उनके लिए ज़्यादा ज़रुरी था मुख्यमंत्री की कारों का कारवां गुज़रते…
"बड़ी मुश्किल से पेट काट-काट कर पढ़ाया. अब शहर में नौकरी करता है." उसकी आंखें फिर चमक उठी. "पर अपने…
"आप ऐसे क्यों नहीं सोचतीं कि सिर्फ़ बीमारी ही कंटेजियस नहीं थी. उस वक़्त कार्तिक के प्रति दिखाया मेरा कंसर्न…
वो बता रही थी.. दस की उम्र से समाज सेवा, बारह तक अपना सभी काम ख़ुद करने लगना और अट्ठारह…
उसके कपडे़ लगभग भीगे हुए थे. कुछ बूंदें उसके चेहरे से फिसलती हुई नीचे गिर रही थीं और कुछ उसके…
"… आज मेरी बात कान खोलकर सुन लो. जब तक बिज़नेस में इंट्रेस्ट नहीं दिखाओगे या कोई नौकरी नहीं करोगे,…
तुमने कहा मैं एक ग़ुुस्सैल इंसान बन गई हूं और तुम चाहे जो कर लो, मैं ख़ुश नहीं होती. अगर…