"मैं आपकी तरह बंजर ज़मीन पर फसल के झूठे सपने नहीं उगाना चाहता. मुझे शहर में अच्छी नौकरी मिल रही…
आज की दुनिया में तो कुछ चतुर सुजान ने वक़्त की डिमांड देखते हुए सच बोलने पर जीएसटी लगा दी…
देखा था पहली बार वसंत को तुम्हारी आंखों से छलकते प्यार में महसूस किया था टेसू की तरह रक्तिम अपने…
कितना डर गए होंगे तुम जब वह गाड़ी हमसे टकराई थी. शायद तुमने मुझे ढूंढ़ा भी होगा, कितना दर्द हुआ…
राजीव के ऑफिस जाने के बाद नीता मोबाइल लेकर बैठ गई. यही तो समय होता है उसका अपना. फिर आज…
एक जंगल में महाचतुरक नामक सियार रहता था. वो बहुत तेज़ बुद्धि का था और बेहद चतुर था. एक दिन…
कोयलिया तू हर दिन किसे बुलाती है? भोर होते ही सुनती हूं तेरी आवाज़ विरह का आर्तनाद प्रणयी की पुकार…
अगली सुबह मिनी जब ससुरजी के लिए चाय लेकर आई, तो थोड़ा चिढी हुई सी थी… मगर पिता के दिए…
दिवाली की झालरें… ..टिम-टिम करती रंग-बिरंगी झिलमिलाती हुईं झालरें बतियाती रही रातभर दो सहेलियों की तरह कभी हंसतीं-खिलखिलाती.. कभी चुप-चुप…
खांसी से पीड़ित लोग अमूमन उतना नहीं घबराते, जितना सुननेवाला घबराता है. क्या पता टीबी ना हो. खांसी की वैरायटी…