ख़्वाबों में आ कर क्या होगाइक रोज़ हक़ीक़त बन जाओ यूं दिल में रह कर क्या होगाइक रोज़ सामने आ…
पिछले कुछ महीनों से इस स्टेशन पर यह आधा घंटा गुज़ारना कितना भारी हो चला था मेरे लिए, ये बस…
"... भगवान तो मेरे लिए काल्पनिक हैं. तुम तो उसका यथार्थ रूप हो मां. मेरे हृदय में तुम्हारा जो स्थान…
धरती की तरह ज़िंदगी भी करवट बदलती है. पतझड़ के बाद बसंत आता ही है. उसे कोई रोक नहीं सकता.…
“फ़र्क़ पड़ता है ईशा बहुत फ़र्क़ पड़ता है. मेरे सिर पर छत है और तेरे सिर पर छाता. घर-परिवार छत…
मैं उसका चेहरा उस छोटे से जलेबी वाले नील से मिलाने लगा, तो जैसे सालों बाद उसकी वो चाशनी में…
कुछ पूछा नहीं मंदा ने नीलोत्पल दा और रुपाली दी से इस बारे में, लेकिन मन ही मन धन्यवाद ज़रूर…
रीमा की बातों ने केतकीजी को झकझोर कर रख दिया. वाक़ई वे मंजू के लिए बहन के घर से कैसा…
सामने बैठी कामिनी का चेहरा उस चेहरे से बिल्कुल भिन्न था, जो अब तक मेरी यादों के झरोखे से झांकता…
“जब निरामय के न रहने का विचार डराता नहीं था, तब वे थे, पर जब यह विचार डराने लगा, तब…