"आप बेहद ख़ूबसूरत हैं. इस ख़ूबसूरत से चेहरे पर एक लाल सी बिंदी लग जाएगी, तो यह चांद सा चेहरा…
आगे निकल कर मुझे लगा कि मेरे मन-मस्तिष्क में प्रतिस्पर्धा का भाव इस कदर भर गया था कि कब घर…
उन्होंने संन्यासी से पूछा, "स्त्री क्या है?" संन्यासी हंस पड़ा और बोला, "राजा, स्त्री सब कुछ है और कुछ भी…
दिल की तन्हाई में एक दीप जलाने का हुनर सीखना है मुझे ऐ ज़िंदगी तुझसे जीने का हुनर सीखना है…
पहचान मैं उसे देखते ही पहचान गया. वही नाक-नक्श, वही शक्ल-सूरत. आख़िर पहचानता भी कैसे नहीं. बचपन की पढ़ाई हमने…
कुछ दूर आगे बढ़ी ही थी कि स्ट्रीट लाइट की मद्धिम रोशनी में दूर से कुछ हिलने-डुलने की और हल्की-हल्की…
उसकी सांसों की गति रोकनेवाले आप कौन होते हैं? इस तरह का काम करके जमा किया गया पैसा मुझे नहीं…
रात को बच्चों को मिले गृह कार्यों में थोड़ी मदद की जाती है. फिर रात्रि देवी अपने आगोश में लेने…
मेरी आंखों से आंसुओं का झरना बह रहा था और मन सोच रहा था, 'ये स्त्री का कौन सा रूप…
"जी आदर के लिए लगाता हूं." उसके अटपटे स्पष्टीकरण पर मेरी हंसी फूट पड़ी थी. मुझे हंसता देखकर वह भी…