“मुझे ऐसे ही रहने दो, लेखन कर रही हूं. घर के कामकाज भी हैं. अपना इंस्टीट्यूट चलाना आसान नहीं है,…
मैं उसके गले लगकर, जीभर कर रो भी नहीं सका, उसे चुप भी नहीं करा सका. सीने में एक सैलाब…
वह स्त्री.. बचाए रखती है कुछ 'सिक्के' पुरानी गुल्लक में पता नहीं कब से कभी खोलती भी नहीं कभी-कभार देखकर…
अगली सुबह, जी हां, वही हवा, वही भीगी महक, वही चहचहाहट सुनता हुआ मैं रिया के इंतज़ार में था कि…
पत्र देखकर मां घबरा उठी थीं. ये हमारा नाम कैसे जानता है? अरे, ये तो राजकुमार को भी जानता है?…
अमृत में विष, सुख में दुख, प्रणय में विच्छेद चिर प्रसिद्ध हैं। दो-चार दिन में ही अनुपमा विरह-व्यथा से जर्जर…
काश कि कभी तुमने अपने स्कूल के बस्ते को घर लौटते वक़्त मेरे कंधे पर रक्खा होता काश कि मैंने…
“संस्कार ख़ून से नहीं, परवरिश से ज़िंदा होते हैं. यशोदा क्या जानती थी कि कृष्ण का ख़ून क्या है, लेकिन…
“तुम्हारे और शशांक के बीच क्या चल रहा है..?” सीधे और सपाट शब्दों में शालिनी ने पूछा. एक पल के…
दर्दे जिगर मुझे चाशनी में डुबोना था मैं कल ख़्वाब में तेरे दामन से लिपटकर रोया नींद और बेहोशी के…