दोनों सहेलियों ने स्कूल से कॉलेज के दिनों की मस्ती याद करते हुए अनेक क़िस्से दोहराए, दोस्ती की अतरंगता का…
अब न कोई शक़-ओ-शुबा है, हर ढंग से तस्तीक़ हो गई निराशाओं से लड़ने की, मेरी बीमारी ठीक हो गई…
"आपको ऐसे आना चाहिए था क्या मेरे सामने? लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं हमारे बारे में." कितना अपनापन था…
ढलती शाम के आसमान में छाया केसरिया रंग मुझे बेहद प्रिय है. किस उम्र में मन उस केसरिया रंग में…
हमारे भीतर, जीने के कोई साधना और तंतु विद्यमान नहीं होते हैं, लेकिन ये जो कलुये जैसे लोग, यह जो…
आज के हालातों में हर कोई 'बचा' रहा है कुछ न कुछ पर, नहीं सोचा जा रहा है 'प्रेम' के…
मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर विशेष... एक क्षण के बाद माधव के मन में एक शंका जागी। बोला, "क्यों दादा,…
सांस, ख़ुशबू गुलाब की हो धड़कन ख़्वाब हो जाए उम्र तो ठहरी रहे हसरत जवान हो जाए बहार उतरे तो…
‘‘जब तुम दोंनो ही एक-दूसरे से प्यार करते हो, फिर मुझे पसंद हो या नहीं हो, क्या अंतर पड़ता है.…
तेरी तस्वीर… मैं जहां में कुछ अनोखी चीज़ ढूंढ़ने निकला और शहर में मुझे सिर्फ़ आईना मिला जो मेरी बेबसी…