मुझे एक गहरा धक्का लगा. एक झटके में मेरे सारे सपने बिखर गए. मैंने किसी तरह से अपने को…
न जाने क्यूं उस दिन तुम्हारे ज़ुबान से उसकी तारीफ़ सुन जलन-सी होने लगी थी. यूं ही आपस में…
पर... यह सब तो एक छलावा था, अपने आप को छलने का. चारों तरफ़ नज़रें घुमाई, तो सब आज…
थोड़ी संभली तो दिल ने कहां हे ईश्वर! आते ही यह कैसी परीक्षा लेने लगे. तुम्हारे घर के इतने…
आज भी जब मैं आईना देखती हूं, तो अपनी पलकों के खूंटे में टंगी उसकी नज़र, झांकती हुई मिल जाती…
“जी. तुम्हारे बारे में जानकारी लेने के लिए जनाब मेरे घर के चक्कर लगाने लगे थे. एक दिन मम्मी…
मैंने अगले कुछ महीने तक उस गली के अकेलेपन का अनुभव अपने भीतर किया. वहां शोर होता, किंतु मुझे…
“क्या है? थप्पड़ खाना है क्या...” लेकिन वह न तो सहमा और न ही मेरे सामने से हटा. मुस्कुराते…
शादी के बाद मैं और श्लोक ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट होनेवाले हैं. मैं अपनी आगे की पढ़ाई भी वही से करनेवाली…
पत्नी धर्म पूरी तरह निभा कर भी, घर के सब दायित्वों का निर्वाह करके भी. अंतरंग क्षणों में मन…
"आप मानेंगी नहीं मैं अपनी छोटी चचेरी-ममेरी बहनों का अपने घर आना किसी न किसी बहाने टाल जाती हूं.…
तुम मुझे देखकर हाथ माथे से छुआ देते और मैं मुस्कुरा कर स्वीकार कर लेती. ऐसा नहीं था कि…