Health

सरसों के तेल के इन 25 से ज़्यादा हेल्थ और ब्यूटी बेनेफ़िट्स के बारे में नहीं जानते होंगे आप! (25+ Incredible Health And Beauty Benefits Of Mustard Oil, You May Not Have Known)

सरसों के तेल में काफ़ी गुण हैं और सर्दियों में तो यह वरदान है, ना सिर्फ़ हेल्थ बल्कि इसके ब्यूटी बेनीफिट्स भी हैं.  हेल्थ बेनीफिट्स इसमें एंटीबैक्टीरीयल, एंटीफ़ंगल और एंटीकर्सिनोजेनिक प्रॉपर्टीज़ हैं जो कैन्सर जैसे गंभीर रोग से बचाव करती हैं. यह पेट व मलाशय के कैन्सर से बचाता है. कई तरह के इन्फ़ेक्शंस से भी बचाने में यह कारगर है. खाना बनाने मेंइसका प्रयोग बेहद फ़ायदेमंद है.इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए ये सर्दी-ज़ुकाम से भी बचाव करता है. सरसों के तेलवाली स्टीम लेने से सीने औरनाक में जमा कफ निकल जाता है. यह साइनस से भी बचाव करता है. सरसों के तेल में लहसुन की कुछ कलियां और एक चम्मच अजवायन मिलाकरगर्म करें और इससे तलवों और सीने की मालिश करें. सर्दी से बचे रहेंगे.यह शरीर में गर्माहट पैदा करता है. सरसों के तेल की मालिश करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और रक्त संचारभी बेहतर होता है. इस तेल की मालिश करने के बाद स्नान करने से शरीर स्वस्थ रहता है. नहाने के बाद भी इसे लगा सकते हैं. नाक, कान और नाभि में इसे लगाएं. यह दांतों को मज़बूत और स्वस्थ बनाता है. दांतों में तकलीफ हो तो सरसों के तेल में नमक मिलाकर दांतों औरमसूड़ों की मालिश करें. सरसों के तेल की मालिश से जोड़ों का दर्द और गठिया रोग भी ठीक हो जाता है.सरसों के तेल का प्रयोग हार्ट के लिए भी हेल्दी माना जाता है. इसे यूज़ करने से कोरोनरी हार्ट डिसीज़ का खतरा भीकम होता है. इसमें सैचुरेटेड फ़ैटी ऐसिड्स कम होता है और एसेंशियल फ़ैटी ऐसिड्स इसमें काफ़ी मात्रा में होते हैंजिससे ये खाने में प्रयोग का हेल्दी ऑप्शन है. यह हार्ट फेल और ऐंजाइना के ख़तरे को कम करता है और जिन्हेंहृदय रोग है उनके लिए यह बेहतरीन ऑप्शन है.जिन्हें सांस संबंधी समस्या हो या अस्थमा की शिकायत हो तो उनके लिए भी सरसों का तेल वरदान साबित हुआ है. सरसों में मैग्नीशियम पाया जाता है और सरसों के तेल में पाया जानेवाला सेलेनियम अस्थमा के प्रभाव को कमकरने में कारगर साबित होता है.यह मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है, सर्कुलेशन और ब्रेन फ़ंक्शन को भी इम्प्रूव करता है क्योंकि इसमें स्टिम्युलंटप्रॉपर्टी होती है. ये पाचन तंत्र को बेहतर करके भूख लगने में मदद करता है. अगर भूख न लगे, तो खाना बनाने में सरसों के तेल काउपयोग करें.ये वज़न को घटाने में भी सहायक है. इसमें मौजूद विटामिन्स मेटाबाल्जिम को बढ़ाते हैं जिससे वजन घटाने में मददमिलती है.ये इन्सेक्ट बाइट और रैशेज़ के प्रभाव को कम करता है. अगर किसे कीड़े या मच्छर ने काट लिया है तो वहां इसेअप्लाई करें. इसी तरह रैशेज होने पर भी यहां तक कि छोटे बच्चों को नैपी रैश होने पर भी इसे यूज़ किया जाता है. ब्यूटी बेनीफिट्स यह बेहतरीन मॉइश्चराइज़र है, ठंड में ड्राई स्किन को हेल्दी ग्लो देना हो तो गुनगुने सरसों के तेल की मालिश करें.इसे बेसन और हल्दी में मिलाकर उबटन तैयार करें, त्वचा निखर जाएगी.एंटीफ़ंगल प्रॉपर्टीज़ के कारण ये फ़ंगल इंफ़ेक्शन से बचाता है. विटामिन ई का ये बेहतरीन स्रोत है, ये रिंकल्स और फ़ाइन लाइंस को कम करता है.ये बालों के लिए भी बेहद लाभकारी है. हेयर फ़ॉल को रोकता है, स्काल्प में ब्लड सर्क्युलेशन बेहतर करके बालों कीग्रोथ भी बेहतर करता है.यह सनटैन को दूर करने में भी मदद करता है.यह फटे होंठों को नर्म मुलायम बनाता है.इसमें विटामिन बी कॉमप्लेक्स भरपूर मात्रा में मौजूद होता है जो स्किन हेल्थ के लिए फायदेमंद है. इसे अप्लाई करनेसे स्किन टोन बेहतर होती है, दाग और झाइयों से भी छुटकारा मिलता है.इसमें एंटी एजिंग तत्व होते हैं जो आपको देते हैं यंगर स्किन.ये है नेचुरल सनस्क्रीन, जो अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाव करता है. घर से बाहर जाने से पहले हल्का सा ऑइलस्किन पर अप्लाई करें और सूरज की हानिकारक किरणों से बचें.यह बालों को असमय सफ़ेद होने से रोकता है. दही में सरसों का तेल मिलाकर बालों में लगाने से कई तरह की बालोंकी समस्या से छुटकारा मिलता है.अगर बाल समय से पहले सफ़ेद हो रहे हैं तो सोने से पहले सरसों के तेल की मालिश करें या सुबह बाल धोने से एकया आधे घंटे पहले तेल लगाएं, लाभ होगा.अगर डैंड्रफ की समस्या है और इचि स्काल्प से परेशान हैं तो स्काल्प मसाज करें. चाहें तो सरसों और नारियल तेलको सामान मात्रा में मिला लें. स्काल्प मसाज करें, टोवेल से कवर करें और दो घंटे बाद शैम्पू कर लें. रिंकू शर्मा -- 

February 9, 2021

बर्थ कंट्रोल के बारे में जानें ये ज़रूरी बातें और बर्थ कंट्रोल की होम रेमेडीज (Know Important Facts About Contraception And Home Remedies For Birth Control)

महिलाएं बर्थ कंट्रोल के तरीकों का इस्तेमाल तो करती हैं, लेकिन आज भी इससे जुड़े कई तरह के सवाल, कई…

January 25, 2021

पेटदर्द, एसिडिटी, कब्ज… पेट की सभी समस्याओं के लिए असरदार होम रेमेडीज़ (Instant And Effective home remedies for Indigestion, Acidity, Constipation, Gastric Problem)

सबसे पहले इन बातों का ध्यान रखें- - पेट में भारीपन, कब्ज़, डायरिया और गैस की शिकायत होने पर दही…

January 17, 2021

पहचानें अपनी बॉडी के सिग्नल्स: बॉडी खुद कहती है कि अब डाइयटिंग ज़रूरी है! (Health And Nutrition: Importance Of Balanced Diet And Healthy Lifestyle)

हमारा शरीर खुद ही हमें कई बातों का संकेत देता है, बस ज़रूरत है उन संकेतों को पहचानने की. इसी तरह जब हमारावज़न बढ़ता है तो भी शरीर संकेत देता है, समय पर उनको पहचानकर ध्यान दें वर्ना सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. सबसे पहला संकेत है कि आपको खुद अपना शरीर हेवी लगने लगता है. आप अक्सर सोचने लगते हो कि कहीं मेरावज़न बढ़ तो नहीं रहा. आपके कपड़े आपको टाइट होने लगते हैं, पुराने कपड़े अब नहीं आते.आप खर्राटे लेने लगते हैं, अगर कोई आपका अपना कहे कि आजकल आप खर्राटे लेने लगे हो तो नाराज़ होने कीबजाय गम्भीरता से लें इस बात को क्योंकि सोने के दौरान अनियमित सांसों से ऐसा होता है. दरअसल जब शरीर मेंफैट्स बढ़ता है तो गर्दन के आसपास भी फैट्स बढ़ जाता है जिससे सांस की नली संकरी हो जाती है और सांस लेनेमें रुकावट व दिक़्क़त होने लगती है. बेहतर होगा आप डॉक्टर के पास जाकर हल निकालें.थोड़ी सी शारीरिक गतिविधि से आपकी सांस फूलने लगे, सीढ़ियां चढ़ने पर, चलने फिरने पर भी सांस फूल जाए तोसमझ जाएं कि डायटिंग करके हेल्दी लाइफ़स्टाइल से वज़न कंट्रोल किया जाए. रूटीन चेकअप पर पता चले कि आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है. अगर आप वज़न कम करेंगे तो ब्लड प्रेशर भी कमहो जाएगा क्योंकि आपके कार्डीओवैस्क्युलर सिस्टम को शरीर को ऑक्सिजन सप्लाई करने के लिए कम मेहनतकरनी पड़ेगी. अगर आपका वजन बढ़ता है तो आप टाइप 2 डायबिटीज़ के रिस्क पर आ जाते हैं. बहुत ज़्यादा प्यास लगने लगे, बार बार यूरिन जाना पड़े और पिछले कुछ समय में फैट्स भी बढ़ा हो तो सतर्क हो जाएं. कॉलेस्टरॉल का बढ़ना भी बड़ा संकेत है और यह मात्र वज़न कम करने से कम नहीं होगा बल्कि हेल्दी ईटिंग, डायटिंगऔर एक्सरसाइज़ से कम होगा.परिवार में कोलोन या ब्रेस्ट कैंसर की हिस्ट्री है तो आपको शुरुआत से ही डायटिंग को अपनी आदत में शुमार करलेना चाहिए, क्योंकि इस तरह के कैंसर का मोटापे से गहरा संबंध होता है. डायटिंग का मतलब ना खाना नहीं, बल्कि हेल्दी खाना होता है अक्सर लोगों के मन में यह धारणा होती है कि डायटिंग का मतलब है खाना बंद कर दो या एकदम कम कर दो.लेकिन यह सोच ग़लत है, डायटिंग का मतलब होता है अनहेल्दी चीज़ों को छोड़कर हेल्दी चीज़ें खाएं. फ़्राइड चीज़ों को बेक्ड से रिप्लेस करें.चीनी और स्टार्च का सेवन कम कर दें.नमक कम कर दें.ग्रीन टी का सेवन करें, इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं.प्रोटीन का सेवन बेहद ज़रूरी है. प्रोटीन के सोर्स- दालें, ड्राइफ्रूट्स, बींस, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, दही, फिश, सोयाबीन, अंडा.फ़ाइबर का अधिक इस्तेमाल करें. फल और सब्ज़ियां फ़ाइबर का अच्छा सोर्स है. खीरा, गाजर, सलाद और हरीपत्तेदार सब्जियां ज़रूर खाएं.पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें. यह टॉक्सिंस को बाहर करता है, मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है.गुनगुना पानी पीएं. हो सके तो सुबह शहद और नींबू गुनगुने पानी में लें.हेल्दी ब्रेकफ़ास्ट लें, रिसर्च बताते हैं कि नाश्ता आपको डायबिटीज़ के ख़तरे से बचाता है. जो लोग नाश्ता करते हैंउन्हें डायबिटीज़ का ख़तरा नाश्ता ना करनेवालों की तुलना में कम रहता है.इतना ही नहीं ब्रेकफ़ास्ट आपको मोटापे से बचाता है. जो लोग नाश्ता नहीं करते उनकी वेस्ट लाइन नाश्ता करनेवालों की तुलना में अधिक होती है. भले ही लंच ठीक से ना करें लेकिन नाश्ता हेल्दी करेंगे तो फ़ैट्स से बचेंगे. जो लोग नाश्ता करते हैं उनका एनर्जी लेवल अधिक होता है और वो दिनभर ऐक्टिव बने रहते हैं. नाश्ते से पाचन तंत्र संतुलित रहता है. यह क्रेविंग से बचाता है. जो लोग नाश्ता नहीं करते उन्हें दिनभर में मीठा खानेकी, जंक फ़ूड की और चाय आदि की तलब ज़्यादा लगती है, जिससे वो अधिक कैलरीज़ का सेवन कर लेते हैं औरमोटापे का शिकार होने लगते हैं.एक बार में ज़्यादा खाने की बजाए अपनी मील्स को डिवाइड करें. दिन में 4-6 बार छोटी-छोटी मील्स लें. हेल्दी सूप्स और सलाद को शामिल करें. रात को हल्का खाना लें और सोने से दो घंटे पहले डिनर कर लें. खाने के हेल्दी ऑप्शन्स की लिस्ट बना लें, जैसे- खिचड़ी, ओट्स, ब्राउन ब्रेड सैंडविच, ब्राउन राइस, दाल, इडली, सादा डोसा, उपमा, पोहा आदि.डायट के अलावा रोज़ आधा घंटा कुछ एक्सरसाइज़, वॉक या योगा ज़रूर करें.नींद पूरी लें और स्ट्रेस कम लें. सबसे ज़रूरी कि वज़न बढ़ने पर जब कपड़े टाइट होने लगें तो नए साइज़ के कपड़े लेने की बजाय अपना फ़िटनेसलेवल बढ़ाकर, हेल्दी ईटिंग कर, डायट और कसरत से वज़न कम करने पर फ़ोकस करें और उन्हीं कपड़ों में फिटहोने पर ध्यान दें! क्योंकि स्वास्थ्य से बड़ा धन कोई नहीं, वज़न बढ़ने पर कई बीमारियां एक साथ घेर लेती हैं औरइनमें से कई बीमारियां काफ़ी गंभीर और जानलेवा तक हो सकती हैं. आज से बल्कि अभी से अपनी बॉडी के संकेतोंको पहचानें, उन्हें नज़रअंदाज़ क़तई ना करें और उनपर ध्यान देकर एक्शन लें. स्वस्थ रहें और हेल्दी खाएं!भोलू शर्मा यह भी पढ़ें: शिशु को इन्फेक्शन से बचाने के स्मार्ट टिप्स.. (Smart Tips…

January 14, 2021

15+ डेली हैबिट्स जो कर सकती हैं आपकी किडनी को डैमेज (15 + Common Habits That Can Damage Your Kidney)

ब्लड प्योरिफाई करने से लेकर बॉडी को डिटॉक्सीफाई करने और एसिड का संतुलन बनाए रखने जैसे बॉडी के कई महत्वपूर्ण…

January 7, 2021

मैमोग्राम से जुड़ी 11 बातें जो हर महिला को जाननी चाहिए… (Mammogram: 11 Things Every Woman Should Know…)

कैंसर को लेकर कई लोगों को कुछ भ्रम बना रहता है, ख़ासकर ब्रेस्ट कैंसर के मामले में. इसी से जुड़े…

December 22, 2020

विंटर डायट चार्ट: सर्दियों में जरूर खाएं ये हेल्दी चीज़ें (Winter Diet Plan: The Best Foods To Eat To Stay Healthy This Winter)

सर्दियों में डायट का ख़ास ध्यान रखना बहुत जरूरी है. सर्दी का सुहाना मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं भी…

December 6, 2020

किचन में मौजूद हैं इम्यूनिटी बूस्टर फूड्स और मसाले, आज़माएं ये घरेलू नुस्ख़े व किचन टिप्स (Top Immunity Boosters Available In The Kitchen)

अगर आपकी इम्युनिटी अच्छी है तो आप कई रोगों और संक्रमणों सेअपने आप बचे रह सकते हैं या उनसे बेहतर तरीक़े से लड़ सकते हैं. यहीवजह है कि फिट रहने के लिए इम्युनिटी बेहतर रखना बेहद ज़रूरी हैऔर यह आसन भी है. आपके किचन में ही ऐसी चीज़ें और मसाले हैं जो आपकी इम्युनिटी को बेहतर बना सकते हैं. इन्हें अपने डायट में शामिल करें और हेल्दी रहें. अदरक: इसमें एंटी इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं जो इम्युनिटी को बेहतर बनाते हैं. यह सर्दी-ज़ुकाम व गले की सूजन आदि से भीआपका बचाव करती है. अदरक की चाय शहद व नींबू मिला के पियें या अदरक के टुकडों पे काला नमक व नींबू का रसडाल के खाने के साथ लें. नींबू: विटामिन सी से भरपूर नींबू में एंटीसेप्टिक व एंटीफंगल गुण होते हैं जो आपकी इम्युनिटी को बेहतर करते हें. इसेकिसी भी रूप में अपने खानपान में शामिल ज़रूर करें. लहसुन: यह इम्युनिटी को बढ़ाने में एक तरह से सप्लीमेंट का काम करता है. यह भी आपको सर्दी-ज़ुकाम से बचाता है. इसमें अलाइसिन नाम का तत्व होता है, जो इंफेक्शन्स और बैक्टीरिया से लड़ता है. जो लोग एक हफ़्ते में लहसुन की 6 कलियां खाते हैं, उन्हें पेट के कैंसर की संभावना 50% तक कम होती है. इसे खाने में शामिल करें. अगर आपको ऐसिडिटीकी समस्या है तो रोज़ सुबह खाली पेट लहसुन की दो कलियां पानी के साथ निगल जायें. शहद: यह अमृत की तरह काम करता है. यह एनर्जी बूस्टर है और आयुर्वेद में इसे बेहद गुणकारी बताया गया है. यह हार्ट डिसीज़, बीपी, अस्थमा…

December 6, 2020

हेल्दी रहना है, तो रखें अपने पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज़्म को फिट! (Maintaining Digestive Health: Easy Ways To Boost Your Metabolism)

हमारा स्वास्थ्य काफ़ी हद तक हमारे पेट और पाचन तंत्र से जुड़ा रहता है, इसलिए हेल्दी रहने के लिए पाचन तंत्र औरमेटाबॉलिज़्म का सही और हेल्दी रहना बेहद ज़रूरी है. कैसे रखें अपने पाचन तंत्र का ख़्याल आइए जाने. हो सही शुरुआत: जी हां, दिन की शुरुआत सही होगी तो पूरा दिन सही होगा और सेहत भी दुरुस्त रहेगी. सही शुरुआत केलिए हेल्दी और पौष्टिक नाश्ता ज़रूरी है. नाश्ता पौष्टिक होना ज़रूरी है- फल, ड्राई फ़्रूट्स, दलिया, उपमा, पोहा, कॉर्नफ़्लेक्स, दूध, फ़्रूट जूस, अंकुरित अनाज,दालें, अंडा, पराठे, दही आदि. पौष्टिक नाश्ता आपका दिनभर संतुष्ट रखताऔर इससे पाचन तंत्र संतुलित रहता है. ये दिनभर की ऊर्जा प्रदान करता है. एसिडिटी से राहत दिलाता है, क्योंकि अगरआप नाश्ता नहीं करते हैं, तो ऐसिड बनने लगती है, जो काफ़ी तकलीफ़ देती है. हेल्दी डायजेशन के लिए प्रोबायोटिक्स ज़रूरी है: क्या आप जानते हैं कि बैक्टीरिया भी हेल्दी और अनहेल्दी होते हैं. हेल्दीबैक्टीरिया पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं. हेल्दी बैक्टीरिया आपको प्रोबायोटिक्स सेमिलते हैं. आप प्रोबायोटिक्स के प्राकृतिक स्रोतों को भोजन में शामिल करें. दही, ख़मीर वाले प्रोडक्ट्स, छाछ व रेडीमेडप्रोबायोटिक्स ड्रिंक्स का सेवन करें. स्ट्रेस से दूर रहें: स्ट्रेस यानी तनाव पूरे शरीर व ख़ासतौर से पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. इससे गैस, ऐसिडिटी, क़ब्ज़ जैसी समस्या हो सकती है. तनाव के कारण पेट में ब्लड व ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है जिससेपेट में ऐंठन, जलन जैसी समस्या होने लगती है, साथ ही पेट में मैजूद हेल्दी बैक्टीरिया में भी असंतुलन आने लगता है. इसके अलावा तनाव से नींद भी नहीं आती और नींद पूरी ना होने से पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता.  प्रोटीन रिच फूड खाएं: ये मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाता है. प्रोटीन के लिए आप पनीर, चीज़ व अन्य डेयरी प्रॉडक्ट्स शामिल करसकते हें. इसके अलावा अंडा, चिकन, फिश भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं और ये मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाते हैं. सेब, केला और पपीता ज़रूर खाएं: सेब में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो पेट के स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं. सेबफाइबर का अच्छा स्रोत भी है और गुड बैक्टीरिया को पनपाने में भी मदद करता है. पपीते में विटामिन ए, बी और सी औरकई तरह के एन्ज़ाइम्स होते हैं, जो खाने को डायजेस्ट करने में मदद करते हैं. रिसर्च बताते हैं कि पपीता खाने सेडायजेस्टिव सिस्टम में सुधार होता है. केले में फाइबर और पेक्टिन भरपूर मात्रा में होता है, जो आंतों के स्वास्थ्य के लिएबहुत फायदेमंद होता है. डायट में फाइबर शामिल करें: भोजन में फाइबर जितना ज़्यादा होगा पेट उतना ही स्वस्थ होगा क्योंकि आपको क़ब्ज़ कीसमस्या नहीं होगी. फाइबर कोलोन की कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है और पेट साफ़ रखता है. अपने भोजन में साबूतअनाज, दालें, गाजर, ब्रोकोली, नट्स, छिलके सहित आलू, मकई, बींस व ओट्स को शामिल करें. अदरक का सेवन करें: अदरक पेट के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है. यह पाचन को बेहतर करता है. अदरक के टुकड़ेकरके ऊपर से नींबू का थोड़ा सा रस डालें और भोजन के साथ खाएं. आपका हाज़मा बेहतर होगा. अपच की समस्या नहीं होगी. लहसुन मेटाबॉलिज़्म को बूस्ट करता है: लहसुन को भी डायट में शामिल करें. यह ना सिर्फ़ मेटाबॉलिज़्म को बेहतर करता है बल्कि वज़न कम करने में भी सहायक है और हार्ट को भी हेल्दी रखता है. जीरा भी है बेहद हेल्दी: जीरा आंतों को और गर्भाशय को भी साफ़ रखता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. जीरा भूख भीबढ़ाता है और पेट संबंधी कई समस्याओं से राहत दिलाता है. ग्रीन टी है मेटाबॉलिज़्म बूस्टर: जी हां, ग्रीन टी ज़रूर लें इससे पाचन बेहतर होता है. यह मेटाबॉलिज़्म बूस्टर मानी जाती हैऔर वज़न भी कम करती है. साबूत अनाज और बींस: यह पाचन तंत्र को ठीक रखने में सहायक होते हैं. क़ब्ज़ से बचाते हैं और पेट संबंधी कईसमस्याओं से राहत दिलाते हैं. इसी तरह बींस में भी फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को बेहतर करता है. बींस से गुड़बैक्टीरिया भी बढ़ते हैं और कब्ज़ की समस्या भी नहीं होती. हरी पत्तेदार सब्ज़ियां: ये प्रोटीन व आयरन का भी अच्छा सोर्स मानी जाती हैं और विटामिंस से भरपूर होती हैं. साथ ही साथये पेट को व पाचन तंत्र को हेल्दी रखती हैं. ये फाइबर का बेहतर स्रोत होती हैं, इनमें ख़ासतौर से पालक और गोभी में कईपोषक तत्व- फोलेट, विटामिन ए, सी और के होता है. शोध बताते हैं कि हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में एक ख़ास तरह का शुगरहोता है जो आंतों के हेल्दी बैक्टीरिया (गट बैक्टीरिया) के निर्माण को बढ़ाता है. रसीले व मौसमी फल व ड्राई फ़्रूट्स खाएं: फल पेट को हेल्दी रखते हैं. क़ब्ज़ की समस्या नहीं होने देते. फाइबर से भरपूरहोते हैं. ड्राई फ़्रूट्स भी फाइबर से भरपूर होते हैं और आंतों को हेल्दी रखते हैं. हाल ही के रिसर्च से पता चला है कि प्रूनयानी सूखा आलूबखारा आंतों, मुंह और वजाइना में पाया जानेवाला ख़ास क़िस्म का बैक्टीरिया के निर्माण में सहायकहोता है जिससे पाचन तंत्र भी मज़बूत होता है. इसी तरह से खजूर भी पेट के लिए काफ़ी हेल्दी माना जाता है. हाईड्रेटेड रहें: पानी ख़ूब पिएं क्योंकि यह ज़हरीले तत्वों को बाहर करता है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है. शरीर मेंपानी व नमी की कमी ना होने पाए. नींबू पानी, नारियल पानी या ताज़ा फल व सब्ज़ी का जूस भी लें.  एक्टिव रहें, एक्सरसाइज़ व योगा करें: रोज़ाना 30 मिनट एक्सरसाइज़ करें, वॉक करें, एक्टिव रहें. लिफ़्ट की बजायसीढ़ियों का इस्तेमाल करें. योगा भी कर सकते हैं. साइक्लिंग, स्विमिंग भी कर सकते हें. यह रूटीन आपकी मांसपेशियोंको लचीला बनाएगा और पाचन को बेहतर. वरना शारीरिक गतिविधियों की कमी से क़ब्ज़ जैसी समस्या होने लगेगी.…

December 5, 2020

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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और महान क्रिकेटर कपिल देव को गुरुवार रात एक बजे सीने में दर्द की…

October 23, 2020

पीरियड्स के दर्द से छुटकारा पाने के 11 आसान घरेलू उपाय (Menstrual Cramps: 11 Home Remedies For Period Cramp Relief)

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October 3, 2020
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