poetry

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष गीत… (Happy Krishna Janmashtami)

* रँगा अम्बर नील वर्ण में सूरज ने छिटका अबीर गुलाल हरसिंगार से झरा रँग नारंगी झूम उठी महुए की…

August 19, 2022

काव्य- एक प्याला चाय… (Poem- Ek Pyala Chai…)

चाय में घुली चीनी सी मीठी बातें बिस्कुट सी कुरकुरी आ जाती हैं होंठों पर तैरती रहती हैं कमरे में…

August 7, 2022

काव्य- स्त्री-पुरुष (Poetry- Stri-Purush)

पुरुष खोदता है कुआं स्त्री खिंचती है पानी पुरुष डालता है बीज स्त्री सिंचती है पौधा पुरुष उगता है सूरज…

July 17, 2022

कविता- पुल… (Poetry- Pul…)

शहर के कोने पर बहती हुई उस छोटी सी जलधारा पर बना वो पुल जिस पर अनायास आमने-सामने आ गए…

July 5, 2022

काव्य- मैं और वो… (Kavay- Main Aur Woh…)

मैं लंबा हो रहा था वो ठिगनी ही रह गई मैं ज़हीन बन रहा था वो झल्ली ही रह गई…

June 13, 2022

विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष पद्य- बिगड़ता पर्यावरण (Poetry- Bigadta Paryavaran)

सर्व प्रदूषण दूर हो, खुल कर लेवें सांस। स्वच्छ जगत फिर से बने, रहे न मन में फांस।। जहां कहीं…

June 5, 2022

कविता- लड़कियां ढूंढ़ती हैं प्यार… (Poetry- Ladkiyan Dhoondhati Hain Pyar…)

वो तुम्हारी आंखों में खोजती हैं पिता तुम्हारी हथेलियों में भाई तुम्हारे कांधे पे सखा जिनके सामने सीने में जमा…

May 31, 2022

नज़्म- युग धर्म.. पतझड़.. संघर्ष… (Nazm- Yug Dharm.. Patjhad.. Sangharsh…)

युग धर्म जब वंचना मुखर हो, युग धर्म निभाएं कैसे लगता नही है मुमकिन, सुख चैन पाएं कैसे जब हर…

May 27, 2022

काव्य: तुम्हारे शहर की अजब कहानी… (Poetry: Tumhare Shahar Ki Ajab Kahani…)

तुम्हारे शहर की अजब कहानी है… काग़ज़ों की कश्ती है, बारिशों का पानी है… मिलते तो हैं लोग मुस्कुराकर यहां,…

May 4, 2022

ग़ज़ल- हमारे हिस्से का छोटा सा आकाश… (Gazal- Hamare Hisse Ka Chota Sa Aakash…)

असल वजह यही है थोड़े कुछ में ही बहुत कुछ ढूंढ़ने की कोशिश करना और बहुत कुछ में थोड़े कुछ…

May 3, 2022

कविता- तुम याद आते हो (Poetry- Tum Yaad Aate Ho)

मेरी आंखों में आंसू हैं क्या कहूं तुम याद आते हो तुम मेरे साथ हो कि नहीं हो बात यह…

April 25, 2022

काव्य- अपने-अपने क्षितिज… (Kavay- Apne-Apne Kshitij…)

तुमने मुझे लिखा मैंने तुमको आपस में कविताएं बदलकर भी हम स्वयं को पढ़ सकते हैं अधूरे तुम भी रहे…

April 12, 2022
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