दूरियां दिलों में थींऔर हम उसे आंसुओं में ढालते रहेनफ़रतें काग़ज़ी थींऔर हम दिल में पालते रहे ख़्वाब नींद में थेऔर हम…
भोर के सफ़ेद मखमली कोहरे मेंहम एक साथ खड़े थेयह सत्य अंकित है मेरे स्मृति पटल परज्यों पाषाण पर खुदाकोई…
मेरा उससे वादा था कि जब सूरज और सागर का मिलन होगा और रक्ताभ हो उठेंगे सूरज के गाल तो…
बदली के घूंघट को तोड़, धूप सखी इठलाकर बोली अब तो मैं मुँह दिखलाऊंगी ही, आने को है होली बिन…
कितना अजीब है ना दिसंबर और जनवरी का रिश्ता जैसे पुरानी यादों और नए वादों का क़िस्सा… दोनों काफ़ी नाज़ुक…
तुम मिल जाओगी किसी गली में तो कमाल हो जाएगा मगर पता है कि आज भी इस बात पर बवाल…
हे नारी! तू अबला नारी है क्यों हर युग में रही बेचारी है क्यों कभी रावण द्वारा चुराई गई फिर…
ढूंढे़ कोई हमें तो सिर्फ़ ठिकानों पर मिलते है ये बंजारापन देख के अब हम घर में नहीं मिलते मुझसे…
आई कार्तिक की पूर्णिमा लेकर ख़ुशियां हज़ार प्रतिवर्ष में एक दिन आता है ये पावन त्योहार आज दिन है गंगा…
जगमग जगमग दीप जलाओ शुभ दीपावली आई है सब मिलजुल ख़ुशी मनाओ संग कितनी ख़ुशियां लाई है पाँच दिनों का…
ज़िंदगी का आईना देख कर डर लगता है ऐ ज़िंदगी अब तुझे देख कर डर लगता है डर लगता है…