उन्होंने सेमीफाइनल में चौथी वरीयता के इंडोनेशिया के इखसान लियोनार्डो इमानुएल रुमबे को 21-7, 21-14 से हराया था.
बकौल लक्ष्य- वे यह टूर्नामेंट जीतकर बेहद ख़ुश हैं. इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है. यह काफ़ी लंबा टूर्नामेंट रहा, क्योंकि मैं व्यक्तिगत व टीम स्पर्धा दोनों मेंं खेला. हर मैच के बाद मेरा पूरा ध्यान अपनी थकान से उबरना रहा. मुझे ख़ुशी है कि मैं अच्छा खेल सका और जीत हासिल कर सका.
लक्ष्य के स्वर्ण पदक जीतने व बेहतरीन परफॉर्मेंस पर बीएआई (भारतीय बैडमिंटन संघ) ने दस लाख रुपए की इनामी राशि देने की घोषणा की है.
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डिफरेंट स्ट्रोक्स... * लक्ष्य से पहले साल 1965 में गौतम ठक्कर ने यह जूनियर एशियाई बैडमिंटन का ख़िताब जीता था. * और साल 2012 में पीवी सिंधु ने महिला वर्ग में इस ख़िताब का स्वर्ण पदक अपने नाम किया था. * लक्ष्य सेन यूं तो दुनिया के नंबर नाइन प्लेयर हैं, पर एक समय में वे नंबर वन पर काबिज़ थे. * अभी फ़िलहाल थाइलैंड के कुनलावुत वितिदसरन दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी हैं. * लक्ष्य एशिया जूनियर चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले तीसरे भारतीय बन गए हैं. * पिछले साल इस टूर्नामेंट में लक्ष्य ने कांस्य पदक हासिल किया था. * प्रकाश पादुकोण व विमल कुमार से ट्रेनिंग हासिल करनेवाले लक्ष्य ने प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में बैडमिंटन की बारीक़ियों को सिखा है. * वैसे बैडमिंटन लक्ष्य के ख़ून में रहा है यानी उनके पिता डीके सेन व भाई चिराग़ भी बैडमिंटन खेलते रहे हैं. फ़िलहाल उनके पिता बैडमिंटन कोच हैं. * लक्ष्य का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा में 16 अगस्त, 2001 में हुआ था. * उन्होंने एशिया जूनियर चैैंपियनशिप व बीडब्ल्यूएफ इंटरनेशनल चैलेंज सीरीज़ जीता है. * लक्ष्य अब तक जूनियर सिंगल टाइटल में अंडर 13, अंडर 17 व अंडर 19 का ख़िताब अपने नाम कर चुके हैं. साथ ही कई इंटरनेशनल मेडल भी जीते हैं.
- ऊषा गुप्ता
