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मूवी रिव्यूः मरजावां (Film Review Of Marjaavaan)

फिल्मः मरजावां स्टार कास्टः सिद्धार्थ मल्होत्रा, तारा सुतारिया, रकुल प्रीत सिंह, रितेश देशमुख निर्देशकः मिलाप जवेरी स्टारः 2  कहानीः कहानी रघु की (सिद्धार्थ मल्होत्रा) है जो अन्ना (नासर ) का खरीद गुलाम है क्योंकि अन्ना ने उसे गटर से उठाके पाल पोस कर बड़ा किया है और इसीलिए अन्ना की गुंडागर्दी में वह चुपचाप अन्ना का सबसे खतरनाक हथियार बना हुआ है और इसीलिए अन्ना उससे प्यार भी बहुत करता है. मगर अन्ना का बेटा विष्णु (रितेश देशमुख) रघु से बहुत जलता है उसे लगता है कि उसका बौना कद के कारण उसका बाप उससे ज्यादा रघु से प्यार करता है. विष्णु पूरा हैवान है पर अन्ना के कारण रघु को कुछ बोल नहीं पाता है। इस बीच रघु को बस्ती की एक लड़की जोया (तारा सुतारिया) से प्यार हो जाता है जो बोल नहीं पाती.  वहीं दूसरी ओर बार डांसर आरजू (रकुल प्रीत) रघु से प्यार करती है. अपनी असुरक्षा के चलते विष्णु रघु की दुनिया खत्म करना चाहता है. नफरत की यह आग आगे चलकर क्या गुल खिलाती है यही कहानी है फिल्म मरजावां की. Marjaavaan समीक्षाः  एक के बाद एक कई फ्लॉप फिल्मों के बाद सिद्धार्थ मल्होत्रा के लिए एक हिट फिल्म ज़रूरी थी और तारा सुतारिया को डेब्यू के बाद आए गैप के बाद एक उछाल चाहिए था, लेकिन मरजावां देखने के बाद ऐसा मुमकिन नहीं लग रहा है. ऐसा चमत्कार होना मुश्किल है.  इस फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा को धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन दोनों ही बनाने की कोशिश की गई है और तारा सुतारिया 80 के दशक की हीरोइन बनी हैं. बाकि की कहानी वैसी ही है. घिसी पिटी हुई. नोरा फतेही रिमिक्स गाने पर नाचती हुई नज़र आएंगी और आप बोर होकर चाय-कॉफी पीने के लिए बाहर जाएंगे और जब आप वापस आएंगे तो कहानी वहीं की वहीं रहेगी. रकुलप्रीत सिंह जैसी टैलेंटेड एक्ट्रेस में अपनी प्रतिभा वेस्ट की है. जैसा हमने पहले बताया कि लेखक-निर्देशक मिलाप जवेरी ने प्यार-मोहब्बत, बदला, कुर्बानी, जैसे तमाम इमोशंस के साथ जो कहानी बुनी, उसे हम पहले भी देख चुके हैं.  फिल्म में, 'मैं मारूंगा डर जाएगा, दोबारा जन्म लेने से मर जाएगा', 'जुम्मे की रात है, बदले की बात है, अल्लाह बचाए तुझे मेरे वार से' जैसे भारी-भरकम संवाद ओवर द टॉप लगते हैं. कहानी में जितने भी जज्बाती ट्रैक्स हैं, उसमें मेलोड्रामा कूट-कूट कर भरा है. मिलाप जावेरी को फिल्म की कहानी लिखने से पहले 70 व 80 के दशक की कुछ अच्छी फिल्में देख लेनी चाहिए थीं, शायद वे कहानी के साथ थोड़ा न्याय कर पाते. एक्टिंगः अभिनय की बात करें तो सिद्धार्थ में एक चार्म है. उन्हें जिस दिन सही फिल्म मिल गई बस सुपरस्टार ही साबित होंगे. नासर अन्ना के किरदार में कमाल करते हैं. रितेश देशमुख मैं इस किरदार पर काफी मेहनत की है जो साफ नजर आती है. तारा सुतारिया को खूबसूरत दिखने के अलावा और कोई काम नहीं दिया गया. वहीं रकुल प्रीत का किरदार उभर कर सामने नहीं आता है. यहां गलती सिद्धार्थ या तारा की नहीं है, बल्कि मिलाप जवेरी की है, जो उनके करियर के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. ये भी पढ़ेँः  10 बॉलीवुड एक्ट्रेस को अपने लाइफ पार्टनर से मिली सबसे महंगी डायमंड रिंग (Most Expensive Wedding Rings Of 10 Bollywood Actresses)  

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