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दूध बेचने से लेकर घर-घर सिलेंडर पहुंचाने तक, गरीबी में जब अर्चना गौतम को करने पड़े ये काम (From Selling Milk to Delivering Cylinders Door-to-Door, Archana Gautam had done These Works in her Poverty Phase)

'बिग बॉस 16' की टॉप 5 कंटेस्टेंट्स में अपनी जगह बनाने वाली अर्चना गौतम उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली हैं. जब वो इस शो में शामिल हुईं तो दर्शकों ने उन्हें काफी पसंद किया, लेकिन वो इस शो की ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर सकीं. मेरठ के एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली अर्चना की रियल लाइफ की जर्नी भी बिग बॉस के सफर की तरह उतार-चढ़ाव से भरी रही है. हाल ही में एक इंटरव्यू में अर्चना ने अपनी गरीबी के दिनों के किस्से को बयां करते हुए बताया कि उन्होंने दूध बेचने से लेकर घर-घर सिलेंडर पहुंचाने तक का काम किया है.

फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम

एक इंटरव्यू में अर्चना ने बताया कि एक वक्त उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. उनके पिता पुलिस डिपार्टमेंट में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी थे, इसलिए उनकी सैलरी बेहद कम थी. ऐसे में घर को सपोर्ट करने के लिए अर्चना भैंस का दूध निकालकर उसे बेचने जाया करती थीं. कई बार उन्होंने अखबार बेचने का काम किया और तो और उन्होंने घर-घर खाली सिलेंडर तक पहुंचाने का काम किया. यह भी पढ़ें: दलजीत कौर ने जब लिया निखिल पटेल से दूसरी शादी का फैसला, लोगों ने मिलने लगे ऐसे-ऐसे ताने (When Dalljiet Kaur Decided to Marry Nikhil Patel, People Started Taunting Her)

फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम

अर्चना ने बताया कि बचपन में उन्होंने गांव में रहने के दौरान हर वो काम किया, जो गांव की औरतें करती हैं. पैसों के लिए वो घर-घर खाली सिलेंडर पहुंचाया करती थी, जिसके बदले में उन्हें 10-20 रुपए मिलते थे. वो साइकिल या बाइक पर खाली सिलेंडर लोगों के घरों तक पहुंचाया करती थीं.

फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम

अपनी लाइफ के उठा-पटक के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि साल 2007-2008 में उनके परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था. गांव में कई तरह के काम करने के बाद अर्चना ने टेलीकॉलर के तौर पर पहली जॉब की थी, जिसके लिए उन्हें 6 हज़ार रुपए की सैलरी मिलती थी. अर्चना ने कहा कि उन्हें अंग्रेज़ी नहीं आती थी, इसलिए वो हिंदी में बात करने की कोशिश करती थीं, पर उनका फोन उठाते ही लोग काट देते थे.

फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम

इंग्लिश नहीं आने की वजह से अर्चना से कोई डील नहीं हो रही थी, जिसके चलते उन्हें जॉब से निकाल दिया गया. इसके बाद उन्होंने 10 हज़ार, 12 हज़ार की सैलरी वाले जॉब किए, फिर आखिरी बार अर्चना ने जिस कंपनी में काम किया वो बंद हो गई, जिसके चलते उन्हें फिर से मेरठ लौटना पड़ा.

फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम

अर्चना ने बताया की मेरठ जाकर खाली बैठना उन्हें बहुत बुरा लग रहा था, ऐसे में उस दौरान एक विज्ञापन के लिए ऑडिशन हुआ तो अर्चना ने भी ऑडिशन दिया और वो सिलेक्ट हो गईं. उस ऑडिशन में अर्चना की मुलाकात रवि किशन से हुई, जिन्होंने उन्हें एक्टिंग में अपना करियर बनाने की सलाह दी. इसके बाद उनका एक्टिंग करियर धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा. यह भी पढ़ें:
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फोटो सौजन्य: इंस्टाग्राम

गौरतलब है कि अर्चना गौतम की लाइफ में एक ऐसा दौर भी आया जब उन्होंने सुसाइड करने तक की सोच ली. दरअसल, कोरोना काल में जब काम नहीं मिल रहा था, तब अर्चना अपने घर का किराया तक नहीं भर पा रही थीं. करीब तीन महीने तक किराया न दे पाने और बदहाल आर्थिक स्थिति के चलते उनके मन में आत्महत्या करने का ख्याल आया था.

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