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कई ऑडिशंस दिए, रिजेक्शन झेले, एक्टर बनने के चक्कर में कर्ज में डूब गए… जानें ‘द फैमिली मैन’ फेम तलपड़े फेम शारिब हाशमी की रियल लाइफ स्ट्रगल स्टोरी (Gave many auditions, faced Rejections, got into debt to become an actor… know the real life struggle story of ‘The Family Man’ Talpade fame Sharib Hashmi)

मनोज बाजपई की पॉपुलर वेब सीरीज 'द फैमिली मैन' में उनके सहयोगी जे के तलपड़े का रोल निभाकर घर घर में फेमस हो चुके एक्टर शारिब हाशमी ('The Family Man' Talpade fame Sharib Hashmi) हाल ही में रिलीज हुई शेफ तरला दलाल की जिंदगी की असली कहानी पर आधारित हुमा कुरेशी (Huma Qureshi) की फिल्म 'तरला' (Tarla) में उनके पति का रोल निभाते नजर आए थे और जिस तरह इस रोल में उन्होंने जायका भरा था, उसके बाद उनकी पॉपुलैरिटी और फैन फॉलोइंग बढ़ गई है. लेकिन यहां तक पहुंचने का सफर शारिब के लिए आसान नहीं था. इसके लिए उन्हें न जाने कितने पापड़ बेलने पड़े, परेशानियां झेलनी पड़ीं. आइए आज जानते हैं इस 'फैमिली मैन' की स्ट्रगल स्टोरी (Struggle story of Sharib Hashmi) बारे में.

बचपन में ही सोच लिया था एक्टर बनूंगा

शारिब का जन्म मुंबई के इलाके मालाड में एक चॉल में हुआ था. उनके पिता जेड एस जौहर एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट थे. पिता के साथ शारिब फिल्मी पार्टियों में जाया करते थे. शारिब ने बताया कि उनके घर अनुपम खेर, गोविंदा, राज बब्बर जैसे स्टार्स आते थे और जब वो लोग आते थे तो चॉल में काफी भीड़ लग जाती थी. फिल्म स्टार्स के लिए लोगों का ये क्रेज देखकर उन्होंने बचपन में ही तय कर लिया था कि बड़े होकर हीरो बनेंगे. लेकिन उनकी हाइट उतनी नहीं बढ़ी. हाइट देखकर उन्हें लगा कि हीरो तो नहीं बन पाएंगे, लेकिन ये तय कर लिया कि करेंगे तो एक्टिंग ही.

उस रात वो सो नहीं पाए. पूरी रात रोते रहे…

शारिब ने अपने करियर की शुरुआत असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर की. इसके बाद उन्होंने MTV में बतौर राइटर 4 साल तक काम किया. लेकिन ये सब करते हुए एक्टिंग का कीड़ा कुलबुलाता ही रहा. MTV में भी लोग उन्हें एक्टिंग करने के लिए कहते थे. उन्होंने MTV के शो ' बकरा' में एक्ट करने का मौका मिला. उन्होंने वी चैनल में भी काम किया. इसी दौरान उन्हें फिल्म 'धोबी घाट' के लिए ऑडिशन का बुलावा आया. वो प्रतीक बब्बर के बड़े भाई के रोल के लिए फाइनल भी हो गए. लेकिन शूट शुरू होने से पहले ही उनसे कह दिया गया कि वो इस रोल के लिए फिट नहीं हैं. उस रात वो सो नहीं पाए. पूरी रात रोते रहे.

कई बार रिजेक्शन झेलना पड़ा, मैं कर्ज में डूबता जा रहा था


आखिर उन्होंने नौकरी छोड़कर सिर्फ एक्टिंग पर फोकस करने का फैसला कर लिया. उन्हें लगा था कि वो एक ऑडिशन देंगे और उन्हें रोल्स मिलना शुरू हो जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मुझे कई बार रिजेक्शन झेलना पड़ा. महीनों बीत गए, पर मुझे काम नहीं मिल रहा था. मेरी शादी हो चुकी थी, बच्चा हो चुका था. जो भी पैसे थे वो भी खत्म हो गए. यहां तक कि बच्चों की सेविंग्स भी खर्च करनी पड़ी. मैं कर्ज में डूबता जा रहा था. आखिरकार उन्होंने फिर से राइटिंग का काम शुरू कर दिया. राइटिंग के काम से ठीकठाक कमाई होने लगी. ६ महीने ठीकठाक बीत गए, लेकिन फिर वही नौबत आ गई.

लेकिन शारिब ने ऑडिशन देना बंद नहीं किया. इस बीच 'जब तक है जान' में जैन के किरदार के लिए उनका सिलेक्शन हो गया. उनकी गाड़ी चल निकली. उन्हें 'फिल्मीस्तान' में भी मेन लीड के लिए सिलेक्ट कर लिया गया. वो साथ साथ नौकरी भी कर रहे थे. लेकिन दोनों फिल्मों की शूटिंग एक साथ शुरू हो गई. आखिर उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी.

'फैमिली मैन' की शूटिंग के दौरान मेरी बीवी को कैंसर हो गया

शारिब बताते हैं ''द फैमिली मैन' का मिलना मेरे लिए टर्निंग पॉइंट था. जब मुझे इसके ऑडिशन के लिए बुलाया गया था, तभी मुझे लग गया था कि बात बन जाएगी. लेकिन यहां भी एक ट्रेजेडी हो गई. एक तरफ हम 'फैमिली मैन' की शूटिंग कर रहे थे और दूसरी तरफ मेरी बीवी को कैंसर हो गया था. एक तरफ मुझे काम मिलना शुरू हुआ और दूसरी तरफ बीवी को कैंसर हो गया. आप ही सोचिए न, उसे कैंसर होता और मेरे पास पैसे और काम नहीं होता, तो मैं उसका इलाज कैसे करवा पाता? उसे चार बार कैंसर हो चुका है और वह एक स्ट्रॉन्ग कैंसर सर्वाइवर रही है."

मेरी पत्नी नसरीन मेरी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ रहीं

शारिब 'विक्रम वेधा', 'मिशन मजनू', 'द ग्रेट इंडियन मर्डर', 'शिवशास्त्री बलबोआ', 'असुर', 'स्कैम', 'अफवाह', 'जरा हटके जरा बचके' जैसी फिल्मों और सीरीज में काम कर चुके हैं और आज उनकी अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है. शारिब अपनी इस कामयाबी का क्रेडिट अपनी वाइफ को देते हैं. "मेरी पत्नी नसरीन मेरी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ रहीं. उन्होंने हर कदम पर मेरा साथ दिया. नौकरी करने के दौरान मैंने एक घर खरीदा था, मगर जब मैंने एक्टिंग के क्षेत्र में आने के बाद उसे बेचा, तो उन्होंने उफ्फ तक नहीं की. उनका कहना था कि कम से कम मुझे कोशिश करनी चाहिए, वरना जिंदगी भर ये मलाल रह जाएगा कि मैंने एक्टिंग में हाथ क्यों नहीं आजमाया."


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